श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कथन को लेकर लोकसभा में मंगलवार को हंगामा हो गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी आपत्ति जाहिर की। TMC नेता ने कहा था कि मुखर्जी का नारा – ‘एक देश–दो विधान, दो प्रधान–दो निशान’ राजनीतिक था। इतना सुनते ही शाह अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा।
HIGHLIGHTS
- मुझे लगता है दादा उमर हो चुकी – अमित शाह
- अमित शाह ने कहा आज विपक्ष की बारी, कल जवाब देंगे
- 2023 मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया
मुझे लगता है दादा उमर हो चुकी – अमित शाह
Amit Shah ये बहुत ऑब्जेक्शनबल है… मुझे लगता है दादा उमर हो चुकी है आपकी! एक देश में दो संविधान कैसे हो सकते हैं? एक देश के दो झंडे कैसे हो सकते हैं… वो गलत है… जिन्होंने भी ये किया था, गलत किया था… नरेंद्र मोदी जी ने इसको सुधारने का काम किया है। आपकी सहमति-असहमति से क्या होता है… पूरा देश चाहता था। यह चुनावी नारा नहीं है, हम 1950 से कह रहे थे… एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान होना चाहिए, दो नहीं चलेंगे और हमने कर भी दिया।
अमित शाह ने कहा आज विपक्ष की बारी, कल जवाब देंगे
Amit Shah लंच के बाद, लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। दोनों बिलों पर सदन में एक साथ चर्चा शुरू हुई। चर्चा के लिए चार घंटे का समय निर्धारित किया गया है। शाह बुधवार को लोक सभा में इस चर्चा का जवाब देंगे।
2023 मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया
जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक – 2023 मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था। यह बिल जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम – 2004 में संशोधन करता है और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के सदस्यों को नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करता है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक- 2023 को भी मॉनसून के दौरान 26 जुलाई, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था। यह विधेयक जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करने के लिए लाया गया है।
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