सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान हटाए जाने के फैसले को ‘ऐतिहासिक कदम’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इसका, ‘पश्चिमी पड़ोसी’ द्वारा छेड़े गये छद्म युद्ध पर असर पड़ा है।
उन्होंने करियप्पा परेड मैदान में 72वें सेना दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि सशस्त्र बल आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं करते। नरवणे ने कहा, “आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को जवाब देने के लिए हमारे पास कई विकल्प हैं और हम उनका इस्तेमाल करने में हिचकिचाएंगे भी नहीं।” उन्होंने कहा कि सेना हर चुनौती को स्वीकारने के लिए तैयार है।
इस अवसर पर पहली बार एक महिला अधिकारी कैप्टन तानिया शेरगिल ने पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व किया। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख आर.के.एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख अडमिरल कर्मवीर सिंह भी मौजूद थे।