ATM ऑपरेटर्स ने ATM ट्रांजेक्शन के लिए हायर इंटरचेंज रेट की मांग उठाई है, जिससे वह हाल ही में आरबीआई के सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करने में सक्षम बन सके। फिलहाल सभी बैंक दूसरे बैंकों के कस्टमर से अपने बैंक का एटीएम प्रयोग करने पर हर बार कैश निकालने पर 15 रुपये और दूसरे नॉन कैश ट्रांजैक्शन पर 5 रुपये लेते हैं, जो 5 ट्रांजेक्शन के बाद हर बैंक ग्राहक को देना पड़ता है। अगर यह मांग मान ली गई तो बैंक के कस्टमर्स को दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करने पर ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है। आपको बता दे कि 5 से अधिक एटीएम ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों को आगे चलकर 20 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन खर्च करने होंगे।
वही , आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वो नए नियमों को जुलाई तक लागू कर दें। कैश वैन के लिए बनाए गए इन नियमों के अनुसार कैश मैनेजमेंट कंपनियों के पास में कम से कम 300 कैश वैन, प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर, दो कस्टोडियन और दो बंदूकधारी गार्ड होने चाहिए ताकि कैश की सुरक्षा हो सके।
इसके साथ ही प्रत्येक गाड़ी में जीपीएस, लाइव मॉनेटरिंग के साथ भू मैपिंग और नजदीकी पुलिस स्टेशन का पता होना चाहिए ताकि इमरजेंसी के वक्त मदद ली जा सके। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है कि एटीएम का ऑपरेशन केवल वो ही व्यक्ति कर सकेगा, जिसने ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट हासिल किया हो।
गौरतलब है कि पिछले माह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कैश की कमी पैदा हुई थी। वहां यह अफवाह उड़ाई गई थी कि बैंकों में पैसा सुरक्षित नहीं है। यह अफवाह प्रस्तावित फाइनेंशियल एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017 के कारण फैली। इसके चलते लोगों ने एटीएम से ज्यादा पैसे निकाले। विधेयक में बैंक के नाकाम होने की स्थिति उसे नुकसान से बचाने के लिए जमाकर्ताओं की राशि का उपयोग करने का प्रावधान है। सरकार ने यह बिल पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया था। जिसे संसद की संयुक्त समिति में भेजा गया था।
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