आज दुनिया की महाशक्तियां इस समिट के लिए भारत मंडपम में एकजुट हो रही है। जिससे भारत को एक नई ताकत मिलेगी । इससे पहले पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें बाइडेन ने यूएन में भारत की स्थाई सदस्यता पर अपनी सहमति जताई।
un का स्थाई सदस्य बनेगा भारत
आपको बता दें कि चीन भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर अड़ंगा लगाता रहा है लेकिन जिनपिंग की गैरमौजूदगी में अमेरिका की हरी झंडी से यूएन में भारत को स्थाई सदस्यता मिल सकती है। बता दे जी 20 में चीन के जिनपिंग ने हिस्सी नहीं लिया है एसे में भारत को स्थाई सदस्यता मिलना चीन को झटका दे सकता है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत को दिया समर्थन
जब पीएम मोदी और बाईडेन के बीच द्वीपक्षीय वार्ता हो रही थी तो राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए अपने समर्थन की बात कही और एक बार फिर यूएनएससी गैर-स्थायी सीट के लिए 2028-29 में भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका का भारत को समर्थन देना चीन को चुभ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव सदस्यता को लेकर क्यो बोले
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार 8 सितंबर को स्थाई सदस्यता को लेकर कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझते हैं। लेकिन शीर्ष वैश्विक निकाय में सुधार के बारे में फैसला करना सदस्य देशों का काम है। उन्होंने कहा- ‘इसका फैसला मैं नहीं कर सकता कि सुरक्षा परिषद में कौन होगा या किसे होना चाहिए, यह फैसला सदस्य देशों को करना है। हालांकि मेरा मानना है कि हमें एक सुरक्षा परिषद की आवश्यकता है जो आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद की वर्तमान संरचना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की दुनिया का प्रतिनिधित्व करती है। आज की दुनिया अलग है और भारत आज दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला सबसे बड़ा देश है।
यूएन में कितने देश सदस्य है
इन सबके बीच यूएन में कौैन से देश शामिल है उसको लेकर बात करें तो यूएन में 5 स्थाई सदस्य हैं, जिनमें चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका शामिल है। इसके अलावा यूएन में 10 अस्थाई सदस्य है जो जनरल असेंबली के द्वारा हर दो साल के लिए चुने जाते हैं। इसके बाद अगर भारत को स्थाई सदस्य बना दिया जाता है तो भारत एक सुपर पावर बन जाएगा।
un का स्थाई सदस्य बनेगा भारत
आपको बता दें कि चीन भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर अड़ंगा लगाता रहा है लेकिन जिनपिंग की गैरमौजूदगी में अमेरिका की हरी झंडी से यूएन में भारत को स्थाई सदस्यता मिल सकती है। बता दे जी 20 में चीन के जिनपिंग ने हिस्सी नहीं लिया है एसे में भारत को स्थाई सदस्यता मिलना चीन को झटका दे सकता है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत को दिया समर्थन
जब पीएम मोदी और बाईडेन के बीच द्वीपक्षीय वार्ता हो रही थी तो राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए अपने समर्थन की बात कही और एक बार फिर यूएनएससी गैर-स्थायी सीट के लिए 2028-29 में भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका का भारत को समर्थन देना चीन को चुभ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव सदस्यता को लेकर क्यो बोले
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार 8 सितंबर को स्थाई सदस्यता को लेकर कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझते हैं। लेकिन शीर्ष वैश्विक निकाय में सुधार के बारे में फैसला करना सदस्य देशों का काम है। उन्होंने कहा- ‘इसका फैसला मैं नहीं कर सकता कि सुरक्षा परिषद में कौन होगा या किसे होना चाहिए, यह फैसला सदस्य देशों को करना है। हालांकि मेरा मानना है कि हमें एक सुरक्षा परिषद की आवश्यकता है जो आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद की वर्तमान संरचना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की दुनिया का प्रतिनिधित्व करती है। आज की दुनिया अलग है और भारत आज दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला सबसे बड़ा देश है।
यूएन में कितने देश सदस्य है
इन सबके बीच यूएन में कौैन से देश शामिल है उसको लेकर बात करें तो यूएन में 5 स्थाई सदस्य हैं, जिनमें चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका शामिल है। इसके अलावा यूएन में 10 अस्थाई सदस्य है जो जनरल असेंबली के द्वारा हर दो साल के लिए चुने जाते हैं। इसके बाद अगर भारत को स्थाई सदस्य बना दिया जाता है तो भारत एक सुपर पावर बन जाएगा।