भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भगोड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण का आदेश यूनाइटेड किंगडम की सर्वोच्च अदालत ने दिया था लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है।
वहीं मामले में केंद्र ने कहा, उसे ब्रिटेन में चल रही गुप्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है जिसके कारण माल्या के प्रत्यर्पण में देरी हो रही है। कोर्ट ने माल्या की ओर से पेश वकीलों से कहा कि वे दो नवंबर तक बताएं कि माल्या कब कोर्ट के समक्ष पेश हो सकता है और गोपनीय कार्यवाही कब समाप्त होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले माल्या को 5 अक्तूबर को दोपहर दो बजे से पहले व्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को माल्या की अक्तूबर में कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुविधा देने का निर्देश दिया था।