रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला आया। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने सरकार से 2017 में उच्च स्तरीय समिति और हाईपावर कमेटी के द्वारा शासकीय सेवकों एवं लोक सेवको के प्रमाण पत्रों को फर्जी बताते हुए निरस्त करने तथा कार्रवाई करने की अनुशंसा की जानकारी मांगी। आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप ने आज विधानसभा में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने सदन को लिखित जवाब में जानकारी दी कि हाई पावर कमेटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सहित 3 लोगों के जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त करने की अनुशंसा की गई है। जिनके खिलाफ अनुशंसा की गई है उनमें शिक्षाकर्मी वर्ग 3 में पदस्थ आभा गंधर्व का जाति प्रमाण पत्र 15 मई 2017 को निरस्त किया गया है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बच्चीलाल प्रजापति का भी जाति प्रमाणपत्र 15 मई 2017 को निरस्त किया गया है, बच्ची लाल कुम्हार जाति के हैं और उन्होंने खुद को अनुसूचित जाति का बताया था जो कि पिछड़ा वर्ग में आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को हाईपावर कमेटी ने अनुसूचित जनजाति का नहीं पाया था। इस मामले में कमेटी ने 27 जून 2017 को अपना फैसला सुनाया था। जिसमें उन्होंने जोगी को आदिवासी मानने से इंकार कर दिया था।
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