दुनिया की तीन सबसे बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को 13 साल बाद भारत की शासकीय (सॉवरिन) क्रेडिट रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी है। यही नहीं, मूडीज ने भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अपना आकलन ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘सकारात्मक’ कर दिया है। मूडीज जैसी एजेंसियों की क्रेडिट रेटिंग का महत्व इसलिए होता है कि इससे किसी देश की आर्थिक सेहत का पता चलता है। किसी देश की रेटिंग जितनी बेहतर होती है, सरकार और कंपनियों दोनों के लिए बाहर से ज्यादा और सस्ती दरों पर निवेश हासिल करना उतना ही आसान होता है। यह विदेशी निवेशकों के लिए भी ‘गाइड’ का काम करती है।
भारत की क्रेडिट रेटिंग सुधरने की घोषणा करते हुए मूडीज ने आज कहा कि मोदी सरकार के विस्तृत आर्थिक और संस्थागत सुधारों के चलते यहां की अर्थव्यवस्था विकास पथ पर तेजी से अग्रसर हुई है। मूडीज ने मोदी सरकार के दो विवादास्पद आर्थिक फैसलों की तारीफ करते हुए कहा कि रेटिंग सुधरने की मुख्य वजह वस्तु एवं सेवा कर और नोटबंदी रही है। हालांकि मूडीज ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बैंकों की खराब सेहत और कर्ज की मौजूदा स्थिति देश के लिए चिंताजनक है। पर उसने उम्मीद भी जताई है कि सरकार इन समस्याओं से निपटने के कदम उठा रही है। मूडीज की ताजा घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जैसे नेताओं ने इसे एनडीए सरकार के कामों पर मुहर बताया है। वहीं कांग्रेस ने मूडीज के ताजा फैसले को खारिज करते हुए इसे मोदी सरकार के दबाव में लिया गया कदम बताया है।
मूडीज की रेटिंग में ‘बीएए3’ किसी देश में निवेश के लिए प्रेरित करने वाला सबसे निचला स्तर होता है, जबकि ‘बीएए2’ उससे एक स्तर ऊपर की रेटिंग है। गुजरात चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार के लिए यह खबर बड़ी राहत लेकर आई है। पिछले कई महीनों से क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की आलोचना करने वाली केंद्र सरकार अब दावा कर रही है कि रेटिंग सुधरने से देश में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। अभी कुछ ही दिनों पहले विश्व बैंक की ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में भारत की रैंकिंग में 30 स्थानों का उछाल आया था।
मूडीज के अलावा फिच रेटिंग्स और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स विश्व की दो अन्य प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हैं। फिच ने जून 2013 से भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अपना अनुमान ‘स्थिर’ रखते हुए इसे ‘बीबीबी-’ की रेटिंग दे रखी है। वहीं स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने सितंबर 2014 से यहां की अर्थव्यवस्था को ‘स्थिर’ बताते हुए इसकी रेटिंग ‘बीबीबी+’ पर बरकरार रखी है। ये तीनों ही एजेंसियां अमेरिका की हैं।