प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की जहां हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 रणनीति संबंधी फीडबैक लिखित में साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी अपना विचार थोप नहीं सकता और सभी को मिलकर काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स कोष का इस्तेमाल वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए किया गया।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम और मृत्युदर एक प्रतिशत से नीचे लाने के लिए काम करने को कहा, आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने का भी आह्वान किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज मृत्यु दर और रिकवरी दर में भारत दूसरे देशों के मुकाबले बहुत संभली हुई स्थिति में हैं। हम सभी के अथक प्रयासों से देश में टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। PM CARES फंड की ओर से ऑक्सीजन और वेंटीलेटर उपलब्ध करवाने पर भी ज़ोर है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शुरू से ही एक-एक देशवासी का जीवन बचाना हमारी प्राथमिकता रही है। अब वैक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता होगी कि सब तक हमारी वैक्सीन पहुंचे। कोरोना की वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान अपने हर नागरिक के लिए एक नेशनल कमिटमेंट है। कोविड-19 से निपटने के मामले में कुछ लोगों का लापरवाह नजरिया देखने को मिला है, हमें फिर से जागरूकता फैलाने के लिए काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भारत के पास जैसा अनुभव है वो दुनिया के बड़े- बड़े देशों को भी नहीं है। हमारे लिए स्पीड जितनी जरूरी है उतनी ही जरूरी सेफ्टी भी है। भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा वो हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर हम सभी को पहले से भी अधिक जागरूक रहने की जरुरत है। हमें ट्रांसमिशन को कम करने के लिए अपने प्रयासों को और गति देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर भारत के पास जैसा अनुभव है, वो दुनिया के बड़े बड़े देशों के पास भी नहीं है। हमारे लिए जितनी जरूरी स्पीड है, उतनी ही सेफ्टी भी है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की लड़ाई की शुरुआत से ही हमने एक-एक देशवासी का जीवन बचाने को प्राथमिकता दी है। अब वेक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता होगी कि सभी तक वैक्सीन पहुंचे।
उन्होंने आगे कहा कि भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा, वो हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी। जहां तक वैक्सीन के वितरण की बात है, तो उसकी तैयारी भी आप सभी राज्यों के साथ मिलकर की जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर किसे लगाई जाएगी, ये भी राज्यों के साथ मिलकर तय किया जाएगा। हर राज्य के सुझाव का इसमें बहुत महत्व होगा। क्योंकि आखिरकार उनको अंदाजा है कि उनके राज्यों में ये कैसे होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान अपने हर देशवासी के लिए एक तरह से नेशनल कमिटमेंट की तरह है। देश में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान स्मूद हो, सिस्टमैटिक और सही प्रकार से चलने वाला हो, ये केंद्र और राज्य सरकार सभी की जिम्मेदारी है।