प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद रहें। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है। पीएम मोदी ने कहा स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है। लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता। लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता। उन्होंने कहा कि ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे।
उन्होंने कहा कि हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।
आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मिल रहा मौका
पीएम मोदी ने आगे कहा कि लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। ईमानदारी और प्रदर्शन आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी विरासत थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग अब ईमानदारी और काम का समर्थन कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक वंशवाद की बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।
राजनीतिक वंशवाद को लोकतंत्र का ‘सबसे बड़ा दुश्मन’
पीएम मोदी ने राजनीतिक वंशवाद को लोकतंत्र का ‘‘सबसे बड़ा दुश्मन’’ करार दिया और इसे जड़ से उखाड़ने का आह्वान करते हुए युवाओं से राजनीति में आने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का काम तथा उसे आत्मनिर्भर बनाने का काम देश के युवाओं के कंधे पर है। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है राजनीतिक वंशवाद। यह देश के सामने ऐसी चुनौती है, जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल ‘सरनेम’ के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लद गए हैं।’’
राजनीति में ‘वंशवाद का रोग’ अभी पूरी तरह नहीं हुआ समाप्त
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में ‘‘वंशवाद का रोग’’ अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है और अब भी ऐसे लोग हैं जिनका लक्ष्य अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाना है। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक वंशवाद ‘देश प्रथम’ के बजाय ‘मैं और मेरा परिवार’ की भावना को मजबूत करता है। यह भारत में राजनीतिक और सामाजिक भ्रष्टाचार का भी एक बहुत बड़ा कारण है।’’