रायपुर : छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिशन को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा ने अलग रणनीति तय कर दी है। वहीं तीनों राज्यों के चुनाव को भाजपा गंभीरता से लेते हुए कवायदें तेज करेगी। खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इसे चुनौती मानते हुए कैंप करने की तैयारी में हैं। सूत्रों की मानें तो भोपाल ही शाह का मुख्यालय होगा। भोपाल से वे तीनों राज्यों में चुनाव अभियान की मानिटरिंग के साथ दिशा-निर्देश देंगे। वहीं सरकार बनाने के लिए अलग से कवायदें होगी।
लगातार हर राज्य में सरकार बनाने के बाद इन तीन राज्यों में भी सरकार बनाने की रणनीति है। यही वजह है कि मिशन को सफल बनाने रणनीतियों पर कवायदें हो रही है। कर्नाटक की स्थिति के बाद भाजपा इन तीन राज्यों में कोई कसर छोडऩे के मूड में नहीं है। यही वजह है कि शाह खुद यहां नजर रखे हुए हैं। तीनों राज्यों के अभियान की बागडोर भी वे खुद संभालेंगे। वहीं नेताओं को सीधे तौर पर निर्देशित करेंगे।
छत्तीसगढ़, मप्र और राजस्थान में एक तरह से सत्ता विरोधी लहर की आशंकाओं ने भाजपा के रणनीतिकारों को चिंता में डाला हुआ है। यही चिंता ने एक तरह से राज्य में नए सिरे से रणनीतियों में बदलाव कर विपक्ष को नेस्तनाबूद करने लक्ष्य तय किया है। तीनों राज्यों में लंबे समय से भाजपा की सरकार रही है। भले ही राजस्थान में ट्रेंड बदलता रहा है।
इसके बावजूद मप्र और छत्तीसगढ़ में लगातार सरकार होने की वजह से भी एंटी इंकमबेंसी को लेकर आशंकाएं हैं। इसे दूर करने सरकार और संगठन ने ताकत झोंकी हुई है। छग में रमन सरकार ने विकास यात्रा के जरिए सौगातों की झड़ी लगाकर साधने की कोशिशें जारी रखी है। विशेष तौर पर किसानों और युवाओं के साथ महिला वर्ग पर सरकार की नजर है। इसके अलावा अजा और जजा वर्ग के वोटों को भी सरकार के पाले में लाने कवायदें हो रही है।
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