भोपाल : राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए विश्वविद्यालयों में बार कोड सिस्टम का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की गलतियों की वजह से विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये।
विश्वविद्यालयों में वायवा और इंटरव्यू के समय सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें तथा उसका पूरा रिकार्ड रखा जाये। राज्यपाल ने यह बात राजभवन में प्रदेश के विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बीएड और अन्य कोर्स में एडमीशन तथा शोध कार्य के लिए गरीब वर्गो के छात्र-छात्राओं के आवेदनों पर तत्परता से कार्यवाही करें। कॉलेजों में लड़कियों का शोषण नहीं होना चाहिए।
सभी विश्वविद्यालयों में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत से संबंधित प्रतियोगिता, वर्कशाप आदि आयोजित किये जायें। उन्होंने कहा कि प्रोफेसरों तथा संकाय से संबंधित छात्रों की संख्या के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी फार्मेट के अनुसार मांगी गई पूरी जानकारी 20 दिन के अंदर भेजी जाये ताकि विश्वविद्यालयों की बजट संबंधी शिकायत का त्वरित निराकरण किया जा सके।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग तथा जल संरक्षण के प्रयास किये जायें। विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्रियां देने वाले संस्थान बनकर नहीं रहें। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री पवैया ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में भी मेधावी विद्यार्थी योजना लागू करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने जा रही है। इसलिए विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि दैनिक वेतन भोगी के बारे में वे सही जानकारी सरकार को उपलब्ध करायें। पवैया ने कहा कि पूर्व में भेजी गई जानकारी में कई त्रुटियां हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना है।
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