जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हमले को बड़ी त्रासदी बताते हुए कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है। फारूक के मुताबिक ये उन ताकतों का काम है जो देश में साम्प्रदायिक गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं।बता दें कि फारूक अब्दुल्ला अलगाववादियों और पत्थरबाजों के समर्थन में बयान देने की वजह से अक्सर आलोचनाओं के घेरे में आते रहे हैं।
लेकिन अमरनाथ यात्रियों पर हमले के दोषियों की भर्त्सना करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी बातचीत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस हमले में शामिल लोग अपने-आप को मुस्लिम कह ही नहीं सकते। यह काम बाहर वालों का है और जबतक राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार थी तबतक नहीं बनाया था लेकिन इस बात राज्य और केंद्र सरकार के तमाम दावों के बाद भी आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनया और इस वजह से सरकार की तरफ सुरक्षा के संबंध में किए हए तमाम वायदे फेल रहे।
29 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी। यात्रा शुरू होने के साथ ही खुफिया विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि आतंकी यात्रियों को निशाना बना सकते हैं। इसके बाद सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम कर दिए गए थे। करीब 40 हज़ार सुरक्षाकर्मी यात्रियों की सुरक्षा में लगाए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण यात्रियों पर कायरतापूर्ण हमले पर दुख जताने के लिए शब्द नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है। पीएम ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं इस हमले के बाद कश्मीर घाटी में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बैन कर दिया गया है।