श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर को दोनों देशों के बीच ‘‘मित्रता का पुल’’ बनाने की आज अपील की और कहा कि इसे एक युद्धक्षेत्र न बनने दें। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सीमाओं पर रक्तपात हो रहा है। हमारे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) अक्सर विकास की बात करते है लेकिन साथ ही हमारे राज्य में इसके विपरीत कुछ और घटित हो रहा है। हमारे स्कूल बंद है और बच्चे अपने घरों में फंसे हुए हैं।’’ महबूबा ने कहा, ‘‘मैं हमारे प्रधानमंत्री और हमारे पड़ोसी पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर को दोनों देशों के बीच दोस्ती का एक पुल बनाने की अपील करती हूं । इसे युद्ध का क्षेत्र नहीं बनने दें।’’ यहां से 65 किलोमीटर दूर शिरी के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र में नये पुलिस कांस्टेबलों की पासिंग आउट परेड में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा पर दोनों ओर से गोलीबारी में मारे जाने वाले लोग जम्मू कश्मीर के है। पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारा राज्य भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का एक आधार बन गया है। पिछले कुछ दिनों से हमारी सीमाओं पर गोलीबारी हो रही है जिसमें हमारे कई लोग मारे जा चुके हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जम्मू कश्मीर पुलिस के समक्ष सबसे कठिन काम है क्योंकि वह कई चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आपके समक्ष राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने की ही चुनौती नहीं है, बल्कि आपको कभी-कभी अपने खुद के लोगों, छोटे बच्चों का सामना करना पड़ता है (कानून और व्यवस्था बनाए रखने के दौरान) और उस समय आपको संयम बरतना होगा।’’ गत गुरूवार से सीमा पार से शुरू हुई गोलीबारी में कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी हैं और 50 अन्य घायल हुए है। गोलीबारी के कारण हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है। महबूबा ने कहा कि पुलिस के समक्ष एक अन्य चुनौती हथियार उठा रहे युवाओं को वापस सही मार्ग पर लाना है।
कठुआ जिले के हीरानगर क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की की हत्या का जिक्र करते हुए महबूबा ने पुलिस को महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपसे (पुलिस) अपना कर्तव्य निभाते हुए हर बात का ख्याल रखने का अनुरोध करती हूं। यहां मादक पदार्थों की लत एक बड़ी समस्या है, महिलाओं पर अत्याचार किये जा रहे है। कठुआ में एक छोटी लड़की पर हमला किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मामले में एसएचओ को निलंबित किया था क्योंकि शायद कुछ लापरवाही बरती गई थी। हमने मामले की जांच के लिए एक टीम का भी गठन किया था।’’
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