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अस्पतालों में नहीं होगी दवाओं की कमी

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रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गरीब मरीजों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए राज्य के सभी अस्पतालों में दवा की कमी नहीं होने दी जाएगी। श्री दास ने स्वास्थ्य मामलों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों में किसी भी प्रकार की दवा की कमी न हो। उनके निर्देश पर ही अस्पतालों को 11 करोड़ 94 लाख 54 हजार रुपये का आवंटन किया गया है ताकि कोई मरीज दवा के लिए न भटके। उन्होंने कहा कि आवंटित राशि से अस्पताल सभी आवश्यक दवाओं की खरीद करे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में अस्पताल में होने वाली मृत्यु पर शव को भेजने की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन को ही करनी होगी। सभी जिलों के सिविल सर्जन इसके लिए जवाबदेह होंगे और उन्हें सख्ती के साथ अपने अधीनस्थ अस्पतालों में इस व्यवस्था को लागू कराना होगा। श्री दास ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि दो माह के अंदर सभी जिलों के लिए नए शव वाहन खरीदे जाएं। उन्होंने कहा कि रांची में टाटा कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए रिनपास के पास भूमि आवंटित की जाएगी।

इससे संबंधित सभी कार्य निश्चित समय सीमा में पूरा कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी अस्पताल बिजली, पानी का कोई समस्या हो तो संबंधित विभाग को खबर करने से पहले तुरंत अपनी व्यवस्था अपने स्तर से ठीक करें और भुगतान करें। श्री दास ने कहा कि अस्पताल प्रबंधक को उनके अस्पताल में साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। गंदगी पाई जाने पर सीधे अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिसकी भी कमी हो उसे प्राइवेट नर्सिंग होम जैसे पैसे देकर संविदा पर रखें।

उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों आदि का भ्रमण कर चिकित्सक, पारा मेडिकल कर्मचारी, साफ-सफाई कर्मी एवं दवा की उपलब्धता का निरीक्षण करें। कोई कमी हो तो तुरंत कार्रवाई करें अन्यथा शासन की नजर में वे ही जिम्मेवार होंगे। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मेडिकल क्षेत्र की छोटी-छोटी 15-16 सेवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जाए तथा कौशल विकास के द्वारा राज्य के लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिया जाए।

उन्होंने कहा कि हर कठिनाई हम दूर की जाएगी लेकिन जनता से जुड़े मामलों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विभाग को यह निर्देश दिया कि अगले शैक्षणिक वर्ष से तीन नए मेडिकल कॉलेजों में भी एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की जाए। बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, एनआरएचएम निदेश कृपानन्द झा, निदेशक प्रमुख डॉ. सुमंत मिश्रा, रांची आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के निदेशक डॉ. बी. एल. श्रेवाल समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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