मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल पर विवादित बयान देने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर सवाल उठाए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी धार्मिक कट्टरवाद के माध्यम से राष्ट्रवाद के विचार पर गर्व क्यों नहीं है उन्होंने नाथूराम गोडसे के बारे में कहा कि इनको स्वतंत्रता सेनानी क्यों नहीं घोषित करना चाहिए।
सिंह ने आगे कहा कि अपने भक्तों की तरह हिम्मत दिखाइए, जिन्हें आप सोशल मीडिया पर फॉलो कर रहे हैं और वहीँ लोग खुलेआम गोडसे का समर्थन कर रहे हैं। दिग्विजय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक कुशाभाऊ ठाकरे और राजमाता विजयराजे सिंधिया ने मुझे 1970-71 में जन संघ में शामिल होने के लिए कहा था। लेकिन मैंने उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया, क्योंकि मैं महात्मा गांधी को मानता हूं।
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फीलिप जकारिया के ट्वीट का उल्लेख करते हुए दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि 3 लोगों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए. पहला, वो धार्मिक नेता जो आपको बताता है कि कैसे मतदान करना है। एक एनआरआई जो आपको देशभक्ति की बात बताता है। तीसरा,एक राजनेता जो आपको बताता है कि कैसे प्रार्थना करनी है।
बता दे कि इससे पहले दिग्विजय सिंह ने भाजपा और बजरंग दाल पर निशाना साधते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का बड़ा आरोप लगाया था। वहीँ, उन्होंने कहा कि कि बीजेपी और बजरंग दल के लोग पैसा लेकर आईएसआई के लिए जासूसी करते रहे हैं।