त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पूर्वोत्तर के इस राज्य में 35 वर्षों तक शासन करने के लिए हत्या, आगजनी और बलात्कार सहित आतंक की तरकीब का इस्तेमाल किया।वहीं, माकपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि इसके ठीक उलट, वाम मोर्चा ने राज्य का विकास किया।
साहा ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यकर्ता की हत्या की स्मृति में धलाई जिला स्थित गैंदातुइसा इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘माकपा ने 35 वर्षों तक त्रिपुरा में शासन करने के लिए हत्या, आगजनी, बलात्कार जैसी आतंक की युक्तियों का इस्तेमाल किया। कम्युनिस्टों ने लोगों के अधिकार छीन लिए। उन्होंने राज्य को आपदा जैसी स्थिति में धकेल दिया था और कोई विकास नहीं हुआ।’’
राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले साल की शुरूआत में चुनाव होने हैं।माकपा की राज्य कमेटी के सदस्य पवित्र कार ने मुख्यमंत्री का उपहास करते हुए कहा, ‘‘वह राजनीति में नये हैं। वह एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले चिकित्सक हैं। वह राज्य के इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते। वह जिस सड़क से होकर दूरदराज के आदिवासी बहुल उपसंभाग गैंदातुइसा में पहुंचे हैं, उसे वाम मोर्चा शासन के दौरान निर्मित किया गया था।’’