छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम के मौजूदा स्वरूप की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को चुनौती दी। कांग्रेस के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए अधिनियम को असंवैधानिक करार देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि एनआईए कानून का मौजूदा स्वरूप राज्य से जांच का अधिकार छीन लेता है और केंद्र को मनमाना अधिकार उपलब्ध करता है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि यह कानून संविधान में वर्णित राज्य की संप्रभुता वाले विचार के खिलाफ है। छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि इस कानून के मौजूदा स्वरूप से राज्य पुलिस को जांच का मिला संवैधानिक अधिकार प्रभावित होता है।
गौरतलब है कि 2008 में जब एनआईए कानून बना था उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी। उस समय कानून बनाते वक्त 26/11 के मुंबई हमले को आधार बनाया गया था। गत वर्ष इसमें संशोधन किया गया है।