यौन अपराधों के मामले में मेडिकल रिपोर्ट को अहम् वैज्ञानिक साक्ष्य माना जाता है। दरअसल पश्चिम बंगाल में यौन अपराध के मेडिकल रिपोर्ट को पहले के मुक़ाबले अत्यधिक संक्षिप्त तथा सटीक बनाने पर विचार किया जा रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग को पहले हीं प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जिसमें रिपोर्ट को संक्षिप्त करने का प्रस्ताव है। इसमें कम से कम 20 पेजों के मौजूदा फॉर्मेट के मुकाबले इसे केवल दो पेजों में फिट किया जा सकता है, जो अक्सर 30 पेजों तक बढ़ जाता था।
लंबा समय लगने के कारण जाँच होती है प्रभावित
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि, अक्सर इस तरह की विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में लंबा समय लगता है और बाद में बलात्कार या यौन अपराध के मामले में जांच अधिकारी को सौंप दिया जाता है। इन सब में पूरी जांच प्रक्रिया प्रभावित होती है। चूंकि संबंधित डॉक्टर मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के अलावा अन्य चिकित्सा कार्यों में भी लगे होते हैं, इसलिए इस फॉर्मेट को बदलने की आवश्यकता है। नया फॉर्मेट, अधिक संक्षिप्त और सटीक है, यह डॉक्टरों के काम के बोझ को कम करेगा और दूसरी तरफ मामलों में जांच की गति तेज करने में जांच अधिकारियों की मदद भी करेगा।
यह फॉर्मेट किसी भी त्रुटि की संभावना को भी कम करेगा
जानकारी के मुताबिक़ यह पता चला है कि, बलात्कार और यौन अपराधों के मामले में मेडिकल रिपोर्ट को अधिक संक्षिप्त और सटीक बनाने का प्रस्ताव पहली बार पिछले साल नवंबर में एक सेमिनार में रखा गया था। वहां यह निर्णय लिया गया कि इस नए ड्राफ्ट के फॉर्मेट को राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। अंत में, ड्राफ्ट इस महीने प्रस्तुत किया गया। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा, यह फॉर्मेट किसी भी त्रुटि की संभावना को भी कम करेगा। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट में कोई भी त्रुटि जांच प्रक्रिया को पूरी तरह से गलत दिशा में ले जा सकती है।