पश्चिम बंगाल में हुए बीरभूम हत्याकांड के सिलसिले में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने मुंबई से गिरफ्तार किए गए चार लोगों को शुक्रवार सुबह कोलकाता वापस लाया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुंबई की एक अदालत ने इन आरोपियों की 10 अप्रैल तक की ट्रांजिस रिमांड की अनुमति दी है, जिसके बाद उन्हें वापस कोलकाता लाया गया। उन्होंने मीडिया से कहा, हम जांच में तेजी लाने के लिए उन्हें रामपुरहाट लेकर जाएंगे। उनसे वहां गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों के साथ पूछताछ की जाएगी।
मुंबई से कल हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआई ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के निवासी बप्पा एस के उर्फ साल मोहम्मद, साबू एस के उर्फ सदरिल एस के, ताज मोहम्मद उर्फ चांद और सिराजुल एस के उर्फ पोल्टू को मुंबई से गिरफ्तार किया था। चारों आरोपी हत्याओं के फौरन बाद रामपुरहाट के बोगतुई गांव से मुंबई भाग गए थे। सीबीआई ने बोगतुई गांव में 21 मार्च को लोगों की हत्या के मामले की जांच संभालने के बाद इस संबंध में पहली बार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कम से कम 10 लोग सीबीआई की हिरासत में हैं, जिनमें तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन भी शामिल हैं।
नौ लोगों की जलकर हुई थी मौत
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 21 मार्च को बीरभूम के बोगतुई में हुई हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के बाद कुछ लोगों ने बोगतुई के कुछ घरों में आग लगा दी थी, जिसके कारण नौ लोगों की झुलसने से मौत हो गई थी।
मुंबई से कल हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआई ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के निवासी बप्पा एस के उर्फ साल मोहम्मद, साबू एस के उर्फ सदरिल एस के, ताज मोहम्मद उर्फ चांद और सिराजुल एस के उर्फ पोल्टू को मुंबई से गिरफ्तार किया था। चारों आरोपी हत्याओं के फौरन बाद रामपुरहाट के बोगतुई गांव से मुंबई भाग गए थे। सीबीआई ने बोगतुई गांव में 21 मार्च को लोगों की हत्या के मामले की जांच संभालने के बाद इस संबंध में पहली बार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कम से कम 10 लोग सीबीआई की हिरासत में हैं, जिनमें तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन भी शामिल हैं।
नौ लोगों की जलकर हुई थी मौत
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 21 मार्च को बीरभूम के बोगतुई में हुई हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के बाद कुछ लोगों ने बोगतुई के कुछ घरों में आग लगा दी थी, जिसके कारण नौ लोगों की झुलसने से मौत हो गई थी।