चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश की मुलाकात, 'तेज हुई एनडीए में टीडीपी की वापसी की अटकलें' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश की मुलाकात, ‘तेज हुई एनडीए में टीडीपी की वापसी की अटकलें’

जेल में बंद चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश के साथ गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात ने टीडीपी की राजग में वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं। वैसे लोकेश ने साफ किया कि मुलाकात के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन आंध्र प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष पुरंदेश्वरी और तेलंगाना के भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी की उपस्थिति का राजनीतिक संदेश स्पष्ट है।

जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वार दर्ज सभी मामलों की विस्तृत जानकारी
नारा लोकेश के अनुसार, अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू और परिवार के सदस्यों के खिलाफ जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वार दर्ज सभी मामलों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने जेल के भीतर चंद्रबाबू नायडू के स्वास्थ्य के बारे में भी पूछताछ की। इसके साथ बातचीत के दौरान अमित शाह चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी को लेकर वाइएसआर कांग्रेस द्वारा भाजपा का हाथ बताये जाने पर नाराजगी जताई। लोकेश ने लगभग 15 मिनट तक चली मुलाकात को काफी संतोषप्रद बताया।

बेबुनियाद आरोपों के सहारे प्रताड़ित
लोकेश ने शाह को साफ कर दिया कि चंद्रबाबू नायडू और खुद उसके खिलाफ बेबुनियाद आरोपों के सहारे प्रताड़ित किया जा रहा है। लोकेश ने शाह को जेल में सजायाफ्ता नक्सली नेताओं की उपस्थिति से नायडू की सुरक्षा को लेकर चिंता से भी अवगत कराया। ध्यान देने की बात है कि लगभग पांच महीने पहले चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से हुई थी और उसके बाद टीडीपी की राजग में वापसी की अटकलें लगनी शुरू हो गई थी, लेकिन उसके बाद कोई प्रगति नहीं हुई। अब नारा लोकेश के साथ शाह की मुलाकात के बाद इन अटकलों को फिर से बल मिला है।

पवन कल्याण पहले से टीडीपी की वापसी की कोशिश

दरअसल, राजग में शामिल जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण पहले से टीडीपी की वापसी की कोशिश में जुटे थे, लेकिन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने टीडीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का खुला ऐलान कर दिया। 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देंखे तो टीडीपी, जनसेना और भाजपा तीनों का सम्मिलित वोट शेयर वाईएसआर कांग्रेस को थोड़ा ही कम है, जबकि पिछले बार टीडीपी ने राजग से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ा था। इसी तरह से 2019 के पहले टीडीपी का तेलंगाना में लगभग 14-15 फीसद का वोट बैंक था। राजग में आने से इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है।

अमित शाह से लोकेश की मुलाकात का समन्वय जी किशन रेड्डी की ओर से किया जाना और बैठक में उनकी उपस्थिति टीडीपी की तेलंगाना में अहमियत की ओर संकेत करता है, लेकिन राजग में वापसी और गठबंधन का फैसला चंद्रबाबू नायडू के जेल से बाहर आने के बाद ही होगा।

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