मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भाजपा नेताओं द्वारा सरकारी अफसरों पर कथित हमले की हालिया घटनाओं को दु:खद करार देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में इस पार्टी के नेताओं के ऐसे आदतन कृत्य उजागर नहीं होते थे।
इंदौर के भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के एक अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई और सतना जिले के रामनगर के नगर परिषद अध्यक्ष एवं भाजपा नेता रामसुशील पटेल पर समर्थकों के साथ पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) और पार्षदों पर घातक हमले के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने यह टिप्पणी की।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ऐसी घटनाएं होना बड़े दु:ख की बात है। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देना इनकी (भाजपा नेताओं की) आदत बन गयी थी। लेकिन पहले इनके (भाजपा नेताओं के) ऐसे कृत्य उजागर नहीं होते थे। अब इनके ऐसे कृत्य उजागर हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, कानून की रक्षा करने वाली पुलिस ने सरकारी अफसरों पर हमले के मामलों में जो कानूनसम्मत कार्रवाई की है, उसके लिये मैं पुलिस को बधाई देता हूं। आइंदा भी ऐसी घटनाओं में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिये। भीड़ की हिंसा को लेकर पूछे गये एक सवाल पर कमलनाथ ने कहा, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉब लिंचिंग की आलोचना की है। मॉब लिंचिंग गैर कानूनी है और किसी भी व्यक्ति को कोई अधिकार नहीं है कि वह कानून अपने हाथ में ले।