तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर फिर प्रहार किया और उसपर भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को एकजुट करने के बजाय ‘अपने आप को बस ट्विटर की दुनिया तक सीमित’ कर लेने का आरोप लगाया।
भाजपा को देंगे कड़ा मुकाबला – टीएमसी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा गोवा की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करने के बीच पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘ जागो बांग्ला’ में दोहराया कि अपने जनाधार का विस्तार करने के लिए वह (पार्टी) अन्य राज्यों में जाएगी तथा भाजपा को कड़ा मुकाबला देगी । इस मुखपत्र के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ हम चाहते हैं कि भाजपा के विरूद्ध एक गठबंधन बने। हमने यह बात कांग्रेस से भी कही है। लेकिन उसे इसकी परवाह नही है और उसका बड़ा ढीला-ढाला रवैया नजर आता है। ’’
ट्विटर की दुनिया तक सिमटी कांग्रेस – टीएमसी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से 20 अगस्त को आयोजित की गयी विपक्षी दलों की बैठक के दौरान बनर्जी द्वारा रखे गये संयुक्त संचालन समिति के गठन के प्रस्ताव का हवाला देते हुए संपादकीय में कहा गया है कि तब से इस दिशा में कुछ नहीं किया गया। मुखपत्र ने कहा , ‘‘ कांग्रेस ट्विटर की दुनिया तक सिमट गयी है। पार्टी ने विपक्षी गठबंधन बनाने के लिए कोई पहल नहीं की । 2014 और 2019 में भी कांग्रेस ने ऐसा ही किया था। ’’
फालतू बैठकर कांग्रेस के लिए समय नहीं गंवायेंगे – टीएमसी
संपादकीय में स्पष्ट किया गया है कि तृणमूल कांग्रेस अपनी ताकत बढ़ाती रहेगी लेकिन ‘कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए दरवाजे’ खुले रखेगी। ‘जागो बांग्ला’ ने कहा, ‘‘ हमने कभी नहीं कहा है कि बिना कांग्रेस के गठबंधन बनेगा। लेकिन हम फालतू बैठकर उनके लिए अपना समय नहीं गंवायेंगे। ’’ इस माह के प्रांरभ में भी ममता बनर्जी की पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी की हार को लेकर कटाक्ष किया था और कहा था कि क्या कांग्रेस ट्विटर रूख के जरिए झटके से निजात पाएगी।
कांग्र्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच संबंधों में तब खटास आ गया जब बंगाल के सत्तारूढ़ल दल ने अपने मुखपत्र में दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं, बल्कि उनकी सुप्रीमो ममता बनर्जी विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरकर सामने आयी हैं।