महाराष्ट्र में शिवसेना को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे आमने-सामने हैं। इस बीच, एकनाथ शिंदे गुट ने अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवसेना के ‘धनुष और तीर’ के प्रतीक का दावा किया है। इसके लिए वह शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे। इस कदम को उद्धव ठाकरे गुट को ‘धनुष और तीर’ के प्रतीक से दूर रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि, ठाकरे धड़े ने 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए विधायक रमेश लट्टे की विधवा रुतुजा लट्टे को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
लोकसभा में शिवसेना के शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले ने कहा, ‘पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर हम शुक्रवार को चुनाव आयोग के साथ बैठक करने जा रहे हैं। शिंदे गुट की सहयोगी भाजपा ने रमेश लट्टे के निधन के कारण होने वाले उपचुनाव के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम में पार्षद मुरजी पटेल को मैदान में उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के ठाकरे धड़े के उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया है।
बता दें कि एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन करने को लेकर ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। शिवसेना के 55 में से 40 से अधिक विधायकों ने शिंदे का समर्थन किया था, जिसके कारण ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 भी शिंदे के समर्थन में सामने आए हैं, जिन्होंने बाद में खुद को शिवसेना का असली नेता होने का दावा किया है।
गौरतलब है कि शिवसेना के टूटने के बाद से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। 5 अक्टूबर को हुई दशहरा रैली में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर तीर चलाए. इस दौरान उद्धव ने शिंदे को कटप्पा से कहा। वहीं, एकनाथ शिंदे ने भी पलटवार करते हुए उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करके लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया।