देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल – सेक्यूलर के नेता एच डी देवगौड़ा ने गुरुवार को राज्यसभा में गणत्रंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई हिंसा की निंदा की। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से कहा कि केंद्र को किसानों की समस्याएं सुलझाने के लिए गंभीर और निरंतर प्रयास करने चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि किसानों को रोकने और उनकी किलेबंदी करने से कोई लाभ नहीं होगा। इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। सरकार को किसानों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में 90 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान है।
इनके पास एक एक एकड़ या इससे भी कम भूमि है-इनको सब्सिडी आदि का लाभ भी नहीं मिल पाता है। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि 50 प्रतिशत कृषि सब्सिडी ट्रैक्टर, अन्य कृषि उपकरण और तकनीक आदि को खरीदने में दी जाती है। छोटे किसानों को इस सब्सिडी का कोई लाभ नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सब्सिडी का सबसे ज्यादा लाभ पंजाब के किसानों को मिला है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने किसानों के हितों के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे पहले भी मनमोहन सरकार इस दिशा में प्रयास करती रही थी। लेकिन छोटे किसानों की समस्याओं का समाधान आसान नहीं है। इस दिशा में सरकार को गंभीर और निरंतर प्रयास करने होंगे। मौजूदा सरकार ने तीनों कृषि कानूनों के माध्यम से बिचौलियों को समाप्त करने का प्रयास किया है जो आसानी से संभव नहीं है। इसके लिए सरकार को किसानों से सीधा संवाद करना होगा।
उन्होंने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उपद्रवियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। लेकिन इसकी आड़ में किसानों को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को पारित करने से पहले सरकार को राज्य सरकारों के साथ सलाह मशवरा करना चाहिए था। यदि सरकार ऐसे कदम उठाती तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।