असम में भाजपा के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। इससे पहले रविवार को उन्हें कई दौर की बैठकों के बाद विधायक दल का नेता चुना गया था। खुद पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। शपथग्रहण समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई अन्य नेता भी मौजूद थे। सरमा को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने शपथ दिलाई।
भाजपा नेता और पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन के संयोजक हेमंत बिस्वा सरमा ने असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली। राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें यहां श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई । सरमा ने पारंपरिक ‘पट रेशम’ की धोती और कुर्ता धारण किया हुआ था तथा अपने गले में मुगा ‘गमोसा’ डाला हुआ था। उन्होंने असमी भाषा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
कोविड-19 के सख्त प्रोटोकॉल के बीच उनके साथ 14 और विधायकों ने शपथ ली। असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। भाजपा को 60 सीटें मिली हैं जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिली हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद को लेकर लग रही अटकलें भी खत्म हो गयी हैं क्योंकि सोनोवाल और सरमा दोनों को दावेदार माना जा रहा था। भाजपा नेतृत्व ने दोनों नेताओं को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली बुलाया था और ऐसी संभावना है कि सोनोवाल को केंद्र सरकार में स्थान मिलेगा। विधायक दल के नेता के रूप में सरमा का नाम पेश करने वाले सोनोवाल ने कहा, ‘‘नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं। मैं उन्हें इस नयी यात्रा के लिये शुभकामनाएं देता हूं।’’
वहीं, सरमा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्वानंद सोनोवाल ‘मार्गदर्शक’ बने रहेंगे। सरमा ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनोवाल और अन्य पार्टी नेताओं के आभारी हैं, जिन्होंने राज्य के लोगों की सेवा करने का उन्हें मौका दिया।सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं।