तमिलनाडु सरकार ने राज्य के 30,122 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए ‘मुख्यमंत्री नाश्ता योजना’ का विस्तार किये जाने की घोषणा की है। पलानीवेल त्यागराजन ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-2024 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि बजट में इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिससे पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ने वाले 18 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। यह योजना 1,937 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लागू की जा रही है, जिससे कक्षा पहली से पांचवी तक के 1,48,315 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
विद्यालयों में पहले चरण में योजना लागू
श्री त्यागराजन ने कहा कि 1,543 प्राथमिक विद्यालयों में से, जिन 1,319 विद्यालयों में पहले चरण में योजना लागू की गई थी, उन विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सीखने के दौरान कोई भी बच्चा भूखा न रहे। शिक्षा को आनंदमय और सार्वभौमिक बनाने के लिए आने वाले शैक्षणिक वर्ष से राज्य में सभी 30,122 सरकारी प्राथमिक विद्यालय को कवर करने के लिए मुख्यमंत्री नाश्ता योजना का विस्तार किया जाएगा।’’ सदन में मौजूद सदस्यों ने बेंच थपथपा कर इस घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन तमिल परंपरा का पालन करते हुए तमिल समाज के कई नेताओं ने गरीबी उन्मूलन और छात्रों के शैक्षिक विकास को बढ़वा देने के लिए अग्रणी योजनाएं शुरू की हैं। वर्ष 1920 में चेन्नई नगर निगम के तत्कालीन अध्यक्ष सर पिट्टी थियागरायर ने देश में पहली बार चेन्नई में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
मध्याह्न भोजन योजना का राज्य स्तर पर विस्तार
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में श्री पेरुन्थलाइवर कामराजार के कार्यकाल के दौरान, मध्याह्न भोजन योजना का राज्य स्तर पर विस्तार किया गया, जिससे तमिलनाडु में शिक्षा के इतिहास में बड़ परिवर्तन हुआ। इसके बाद पोषक आहार सहित भूख को खत्म करने के लिए और प्रयास किए गए। श्री पुरची थलाइवर एमजीआर द्वारा भोजन कार्यक्रम और पौष्टिक भोजन के साथ अंडे प्रदान करने की योजना मुथमित्रहरिगनार कलैगनार (एम.करुणानिधि) शुरू की गयी।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह पता चला है कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कुछ बच्चे कम वृद्धि और कुपोषण से पीड़ति हैं।
बिना नाश्ता किए विद्यालयों में भूखे आते हैं बच्चे
उन्होंने कहा, ‘‘छात्र पढ़ई पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो सकते हैं क्योंकि वे बिना नाश्ता किए विद्यालयों में भूखे आते हैं, माननीय मुख्यमंत्री ने पिछले साल ‘मुख्यमंत्री नाश्ता योजना’ शुरू की, जो इस द्रविड़ मॉडल सरकार की सामाजिक न्याय पर आधारित ऐतिहासिक योजना है।’’ उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक योजना का उद्घाटन 15 सितंबर को पेरारिग्नर अन्ना (दिवंगत द्रविड़ दिग्गज और मुख्यमंत्री अन्नादुराई) की जयंती पर किया गया था और अब इसे 30,122 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे 18 लाख छात्र लाभान्वित होंगे।