उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्ष यदि सूखा पर विशेष वाद-विवाद चाहता है तो सरकार इसके लिए तैयार है। वैसे वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रथम अनुपूरक मांग पर तीन घंटे की चर्चा के दौरान सभी सदस्य इस पर अपना विचार रख सकते हैं। उन्होंने सूखे को लेकर सरकार की ओर से पहले से कोई तैयारी नहीं किये जाने के प्रतिपक्ष के नेता के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस मामले पर तीन बार बैठक कर चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी स्पष्ट शब्दों में कई बार कह चुके हैं कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ित का पहला अधिकार है। उन्होंने कहा कि वाणसागर से सिंचाई के लिए पानी मिलना शुरू हो गया है। साथ ही सरकार ने बिजली दर कम करने का भी निर्णय लिया है और डीजल अनुदान देने की भी घोषणा की है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि डीजल सब्सिडी को 50 रुपये प्रति एकड़ करना है जो सोमवार से लागू हो जाएगा और इसके अलावा कृषि विभाग के सारे अधिकारियों को ग्रामीण इलाकों में तत्काल जाने का आदेश दिया गया है जहां उन्हें वैकल्पिक खेती के लिए फसलों के बीज का वितरण इस महीने की 28 तारीख़ तक पूरा करने का आदेश दिया गया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष यादव ने कहा कि यह जुमलेबाज सरकार है।
डबल इंजन पर चलने वाली इस सरकार ने राज्य को विशेष पैकेज और विशेष दर्जा देने के नाम पर केवल जुमलेबाजी ही की है। इसके बाद राजद और कांग्रेस के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुये सदन के बीच में आ गए। सभा अध्यक्ष ने कहा, ‘आपकी बात मैंने सुनी लेकिन आप मेरी बात नहीं सुनेंगे।’ उन्होंने सदस्यों से शांत होकर अपनी सीट पर जाने को कहा लेकिन विपक्ष के सदस्य नहीं माने तथा शोरगुल और नारेबाजी करते रहे। इसके बाद सभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के कारण भोजनावकाश से पूर्व शून्य काल और ध्यानाकर्षण नहीं हो सका।