केरल में एक रेप पीड़िता ने उसका यौन शोषण करने वाले एक कैथोलिक पादरी से शादी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है। पादरी रॉबिन वडक्कुमचेरी को दुष्कर्म के लिए 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है और उसे वेटिकन द्वारा पादरी के पद से भी बर्खास्त कर दिया गया है।
पीड़िता की ओर से दायर याचिका अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आएगी और पीड़िता ने उसके साथ यौनाचार करने वाले रॉबिन के लिए जमानत भी मांगी है, ताकि उनकी शादी हो सके। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह याचिका उसकी इच्छा के अनुसार दायर की गई है। इससे पहले, रॉबिन ने भी पीड़िता से शादी करने की मांग वाली एक याचिका के साथ केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने तब इसे ठुकरा दिया था।
रॉबिन कन्नूर के पास एक पैरिश पादरी के रूप में सेवा कर रहा था और चर्च समर्थित स्कूल का प्रबंधक था, जहां पीड़िता 11वीं कक्षा की छात्रा थी। स्कूल के बच्चों के बीच काम करने वाली चाइल्ड लाइन एजेंसी ने पादरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में 7 फरवरी, 2017 को पीड़िता के बच्चे को जन्म देने के बाद पुजारी पर दबाव बढ़ गया था।
पादरी को 27 फरवरी, 2017 को कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास से गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉस्को) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के बाद पुजारी को 17 फरवरी, 2019 को थालास्सेरी की एक कोर्ट ने 20 साल कैद की सजा सुनाई थी।
सुनवाई के दौरान पीड़िता और उसकी मां मुकर गई। मगर इसके बावजूद, कोर्ट पहले से एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर आगे बढ़ी और फैसला सुनाया। चार नन, एक अन्य पादरी और कॉन्वेंट से जुड़ी एक और महिला, जो पुलिस चार्जशीट में सह-आरोपी थे, को पर्याप्त सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया।
संयोग से पिछले साल मार्च में, मंथवाडी (वायनाड जिले में) सूबे के अधिकारियों ने मीडिया को सूचित किया कि वेटिकन ने सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद रॉबिन को उसके पद से बर्खास्त करने का फैसला किया।