सचिन वाजे ने बंबई उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

सचिन वाजे ने बंबई उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की

मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उनकी की गयी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की।

मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के समीप विस्फोटक से भरे वाहन बरामद होने के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उनकी की गयी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। मुम्बई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को उनकी कथित संलिप्तता को लेकर शनिवार को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। 
अपने भाई सुधर्म के माध्यम से दायर की गयी इस याचिका में दावा किया गया है कि वाजे को ‘कुछ राजनीतिक ताकतों’ ने ‘बलि का बकरा’ बनाया है। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका आमतौर पर ‘अवैध हिरासत या गिरफ्तारी’ को चुनौती देने के लिए दायर की जाती है। इस याचिका में उच्च न्यायालय से दरख्वास्त की गयी है कि वह एनआईए को अदालत के सामने पेश करने और यह साबित करने का निर्देश दे कि गिरफ्तारी के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन किया गया।
याचिका में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को प्राथमिकी की प्रति नहीं दी गयी और उन्हें गिरफ्तारी का कारण भी नहीं बताया गया एवं न ही उनके परिवार को सूचित किया गया। उसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि जिस हड़बड़ी के साथ वाजे को गिरफ्तार किया गया, वह यह दर्शाता है कि केंद्रीय एजेंसी ने दुर्भावना से कार्रवाई की। एनआईए पिछले महीने अंबानी के बहुमंजिला निवास ‘एंटिलिया’ के पास विस्फोटकों से भरे एक स्कोर्पियो बरामद होने की जांच कर रही है। जब ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरन की रहस्यमय मौत हो गयी तब एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। हिरन ने दावा किया था कि यह गाड़ी उनके कब्जे से चुरायी गयी थी। याचिका में कहा गया है कि हिरन की मौत के लिए उनकी पत्नी द्वारा वाजे पर लगाये गये आरोप झूठे हैं। वाजे ने दावा किया कि जब महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की तब ‘ पूरी मीडिया बिरादरी और समाज उन्हें निशाना बनाने लगाया क्योंकि उन्हें बलि का बकरा चाहिए था। यह याचिका अभी सूचीबद्ध नहीं की गयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।