तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी, द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन और राज्य के अन्य राजनेताओं ने बुधवार को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। बुधवार को जारी एक बयान के जरिए पलानीस्वामी ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक और आश्चर्य जताया।
उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता होने के साथ ही एक महान वक्ता भी थीं। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में राजनीति में बहुत मुकाम हासिल किए। इनमें हरियाणा सरकार में मंत्री बनना, कई बार लोकसभा के लिए निर्वाचित होना और दिल्ली की मुख्यमंत्री बनना शामिल है।
पलानीस्वामी ने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विदेश में फंसे भारतीयों की काफी मदद की और इसके साथ ही सोशल मीडिया पर कई सवालों का जवाब देकर उन्होंने युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की। पलानीस्वमी ने कहा कि वह पार्टी के संबंधों की परवाह किए बिना सबके साथ चलीं।
द्रमुक के अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने मंगलवार देर रात को ट्वीट कर कहा कि सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनना तकलीफदेह है, जिन्होंने एक महिला के तौर पर सार्वजनिक जीवन में कई मुकाम हासिल किए। पट्टालि मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस. रामदास ने ट्वीट किया, “सुषमा स्वराज ने कम उम्र में ही कई उपलब्धियां हासिल कीं – जैसे कि 25 साल की उम्र में हरियाणा की मंत्री बनना, 27 की उम्र में हरियाणा जनता पार्टी का नेतृत्व करना, 41 की उम्र में केंद्रीय मंत्री बनना और दिल्ली की मुख्यमंत्री बनना भी।”
रामदास ने कहा कि उनके निधन की खबर सुनकर उन्हें काफी झटका लगा है। तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष तमिलीसाई सौंदराराजन ने कहा कि सुषमा स्वराज अन्य महिला नेताओं के लिए मिसाल हैं। सौंदराराजन ने कहा कि उन्हें हमेशा ऐसा महसूस होता था कि सुषमा स्वराज घर की मुखिया जैसी हैं।