पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में मौजूद नहीं रहे। लोकसभा चुनावों के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक है। अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में बैठक में मंत्रीमंडलीय विभागों में बदलाव जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
दरअसल, पिछले दिनों दोनों नेताओं के बीच खूब बयानबाजी हुई है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इशारों-इशारों में सिद्धू को नॉन परफॉर्मर करार दिया था। इस बैठक के बारे में सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों को विशेष रूप से सूचना देकर बुलाया गया था। बैठक में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन की समीक्षा होने के साथ राज्य के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
इससे पहले भी 30 मई को मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई थी। कांग्रेस विधायकों और सांसदों की इस बैठक में सिद्धू शामिल नहीं हुए थे। सिद्धू भी संकेत दे चुके हैं कि सीएम ने अगर मंत्रालय बदला तो फिर अगला कदम वो उठाएंगे और वे कैबिनेट रैंक छोड़ देंगे। सिद्धू ने पिछले दिनों कहा था कि कैबिनेट को लेकर जो फैसला लेना है लें लेकिन मैं अपने विभाग का रिपोर्ट जारी करूंगा।
सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह यहां तक आरोप लगा चुके हैं कि सिद्धू उन्हें हटाकर खुद सीएम बनना चाहते हैं।अमरिंदर सिंह ने 19 मई को कहा था, ”मैं उन्हें (नवजोत सिंह सिद्धू) बचपन से जानता हूं। मेरा उनके नजरिये को लेकर कोई फर्क नहीं है। शायद मुझे हटाकर वो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। ये उनका मामला है। लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले जो बयान दिया उसका असर पार्टी पर पड़ेगा, न की मुझपर। केंद्रीय नेतृत्व ने इसपर संज्ञान लिया है। पार्टी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करती है।