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पूरी तरह से सार्वजनिक हो गया है कैप्टन सरकार का दलित विरोधी चेहरा -हरपाल सिंह चीमा

औद्योगिक नगर लुधियाना शहर के नजदीकी गांव सेखोवाल गांव की समूची 407 एकड़ पंचायती जमीन को औद्योगिक विकास के नाम पर अधिग्रहण किए जाने के विरुद्ध आम आदमी पार्टी ने हर स्तर की लड़ाई लडऩे का ऐलान किया है,

लुधियाना : औद्योगिक नगर लुधियाना शहर के नजदीकी गांव सेखोवाल गांव की समूची 407 एकड़ पंचायती जमीन को औद्योगिक विकास के नाम पर अधिग्रहण किए जाने के विरुद्ध आम आदमी पार्टी ने हर स्तर की लड़ाई लडऩे का ऐलान किया है, जिससे भू-माफिया के लिए अंधाधुन्ध कृषि वाली जमीनें लूटने पर तुली कैप्टन सरकार के लोक विरोधी फैसले वापिस करवाए जा सकें। 
पार्टी के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूंके और प्रदेश कोर समिति के चेयरमैन और विधायक प्रिंसीपल बुद्ध राम ने कहा कि जिस बेदर्दी और धोखे से कांग्रेस सरकार ने सेखोवाल की सारी जमीन पर डाका मारा है, उससे कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा पूरी तरह से जनतक हो गया है। 
    हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘अपने चुनाव मैनीफैस्टो में कांग्रेस ने दलितों-जरूरतमंदों को 5-5 मरले के प्लाट देने का सब्जबाग दिखाया था, ऐसे झूठे और फरेब के साथ वोट बटोर कर सत्ता में आए कैप्टन बे-घरों को बसाने की जगह कैसे बसे हुए को उजाडऩे चली है, सेखोवाल इस की ताजा उदाहरण है।’’
    प्रिंसीपल बुद्ध राम ने बताया कि सेखोवाल गांव के पास कुल 407 एकड़ पंचायती जमीन है, जिस पर दलित वर्ग से सम्बन्धित सभी घर कई पीड़ीयों से आपस में बांट कर खेती कर रहे थे। यह परिवार इस लिए  इस पंचायती जमीन पर पूरी तरह से निर्भर हैं, क्योंकि इस पंचायती जमीन के इलावा गांव के पास एक भी एकड़ जमीन नहीं बचती और न ही इन दलित किसानों व मजदूरों के पास अपनी कोई जमीन है। 35 साल लम्बी कानूनी लड़ाई लडऩे के उपरांत पांच साल पहले इस जमीन का कृषि के लिए कब्जा हासिल किया था, जिस को हड़प्पने के लिए अब सारी जमीन अधिग्रहण करने का तुगलकी फैसला आ गया। प्रिंसीपल बुद्ध राम ने कहा कि सेखोवाल पूरी तरह से दलित गांव है, गांव के हर घर को बर्बाद करने वाला फैसला लेती कैप्टन सरकार ने बिल्कुल भी नहीं सोचा कि इस तानाशाही फरमान से पंजाब के दलितों-किसानों और आम लोगों पर कितना घातक प्रभाव पड़ेगा। 
    हरपाल सिंह चीमा, प्रिंसीपल बुद्ध राम और सरबजीत कौर माणूंके ने ऐलान किया कि पार्टी ने स्थानीय यूनिट के साथ-साथ लीगल सैल को भी निर्देश जारी किए हैं कि वह तुरंत गांव वासियों के साथ डट कर लड़ाई लड़ें।
    ‘आप’ नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी सेखोवाल की सरजमीन से लेकर मुख्य मंत्री दफ्तर तक और पंजाब विधान सभा से लेकर संसद तक सेखोवाल के दलित किसानों की लड़ाई लड़ेगी और जरूरत पडऩे पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।
    हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सिर्फ 18 माह डट कर लडऩे की जरूरत है, 2022 में ‘आप’ की सरकार ऐसे सभी तुगलकी फरमान पलट देगी।
– सुनीलराय कामरेड

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