भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली इस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया गए हुए हैं। विराट कोहली जितनी अपनी शानदार बल्लेबाजी और आक्रमक कप्तानी के लिए जाने जाते हैं उतने ही वह जानवरों के प्रति प्यार केलिए भी जाने जाते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरुवार को भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने पेटा की तरफ से राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा था और उनसे अनुरोध किया कि नंबर 44 से पहचाने वाले हाथी को पुनर्वास केंद्र में भेजा जाए। उन्होंने उस हाथी को पुनर्वान केंद्र भेजने की मांग मंत्री जी उस पत्र में की है।
बता दें कि पिछले साल जून में राजस्थान के आमेर किले में अमेरिकी पर्यटकों ने आठ लोगों को एक हाथी को बहुत ही हिंसक तरीके से मारते हुए देखा था। अब भी उस हाथी को जिसे लोगों ने पीटा था उसे सवारी ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हाथी पर क्रूरता के लिए विराट कोहली ने लिखा पत्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विराट कोहली ने पत्र में लिखा, पेशेवर क्रिकेटर के रुप में मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है लेकिन जब मुझे 44 नंबर पर पिछले साल घृणित हमले के बारे में पता चला तो बहुत शर्म महसूस हुई है।
विराट कोहली ने अपने पत्र अपने आगे लिखा, जानवरों के खिलाफ हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है, गैरकानूनी शब्द का जिक्र करने की जरूरत की नहीं है, हमारे देश में हाथी के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं होना चाहिए। मैं आपसे विनती करता हूं कि आप नंबर 44 को प्रतिष्ठित पुनर्वास केंद्र में भेजने में मदद करें जिससे कि उसे वह देखरेख मिल सके जिसकी उसे जरूरत है, वह अपने जैसे दूसरों से घुल मिल सके और चेन, उत्पीडऩ और डर के बिना जिंदगी जी सके।
बता दें कि कोहली के इस पत्र के बाद पेटा भारत ने राजस्थान के वन विभाग के मुख्य वनजीव वॉर्डन को शिकायत की। उसके बाद नंबर 44 हाथी के संरक्षक वसीद खान से इस मामले पर कारण बताओ नोटिस जारी किया और उसे हाथी पर इस तरह का उत्पीडऩ के लिए भी दोषी ठहराया गया।
इस नोटिस में ऐसा कहा गया है कि जयपुर चिडिय़ाघर के क्षेत्रीय वन अधिकारी की जांच और अमेरिकी चश्मदीदों से जो तस्वीरें मिली थी उससे यह पता लगता है कि इस हाथी के साथ क्रूर बर्र्ता किया गया। और यह बर्ताव बिल्कुल सही नहीं है और इससे कई वन्य जीव संरक्षण कानूनों का उल्लंघन किया गया है।
इसके साथ ही जयपुर पुलिस ने भी हाथी के साथ दुव्र्यवहार और लोगों को खतरे में डालने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 429 और 289 के तहत अज्ञात व्यक्यिों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।