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पिछले पांच सालों में ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 3,497 मामले दर्ज किए

सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि पिछले पांच वर्ष के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत 3,497 मामले दर्ज किए हैं।

सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि पिछले पांच वर्ष के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत 3,497 मामले दर्ज किए हैं। लोकसभा में दीपक बैज के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी दी। सदस्य ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विगत पांच वर्ष में प्रत्येक वर्ष के दौरान दर्ज किए गए धन शोधन के मामलों का ब्योरा मांगा था।
2022-23 में 28 फरवरी 2023 तक 579 मामले दर्ज किए
इस पर, केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय एक जांच एजेंसी है जिसे फेमा, पीएमएलए और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के उपबंधों को लागू करने का काम सौंपा गया है। वित्त राज्य मंत्री द्वारा निचले सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत वर्ष 2018-19 में 195 मामले, वर्ष 2019-20 में 562 मामले, वर्ष 2020-21 में 981 मामले, वर्ष 2021-22 में 1,180 मामले और वर्ष 2022-23 में 28 फरवरी 2023 तक 579 मामले दर्ज किए।
PMLA और FEMA के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की गई 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस प्रकार से पिछले पांच वर्ष के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत 3,497 मामले दर्ज किए हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि पीएमएलए एवं फेमा के प्रावधानों के अंतर्गत जांच के दौरान धन शोधन में कई भारतीय मुखौटा कंपनियों और विदेशी कंपनियों की भूमिका देखी गई है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में पीएमएलए और फेमा के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि आगे की जानकारी का खुलासा करना व्यापक जनहित में नहीं होगा क्योंकि इससे चल रही जांच में बाधा आ सकती है।

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