कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में शामिल शशि थरूर ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ उनकी कोई लड़ाई नहीं है। हालांकि, पार्टी नेताओं को उनके संदेश में मैंने यह जरूर कहा है कि अगर कांग्रेस को पुरानी कांग्रेस चाहिए तो मैं खड़गे को वोट दूंगा और अगर बदलाव चाहिए तो मैं खड़ा हूं। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस में घमासान के बाद अशोक गहलोत के दौड़ से बाहर होते ही मुकाबला शशि थरूर बनाम खड़गे के बीच है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है।
शनिवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा, “यह युद्ध नहीं है। हम विभिन्न विचारधाराओं से संबंधित हो सकते हैं। इसलिए हमारी पार्टी के सदस्यों को निर्णय लेने दें। मैं सदस्यों से केवल इतना कह रहा हूं कि यदि आप संतुष्ट हैं तो पार्टी के कामकाज, कृपया खड़गे साहब को वोट दें, लेकिन अगर आप बदलाव चाहते हैं और चाहते हैं कि पार्टी अलग तरह से काम करे, तो मुझे चुनें।
थरूर का यह बयान 80 वर्षीय खड़गे के गांधी परिवार के समर्थन को लेकर चर्चाओं के बीच आया है। इससे पहले खड़गे ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि उनका कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय है।
नामांकन के समय दिखाया गया अंतर
30 सितंबर को नामांकन के दौरान जहां खड़गे के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, थरूर के साथ नए चेहरों और पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ नजर आई. उधर, अशोक गहलोत और जी-23 समूह के सदस्यों ने भी खड़गे को अपना समर्थन दिया है। वहीं दिग्विजय सिंह ने नामांकन दाखिल करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि खड़गे को मेरा समर्थन है.