भारत और इटली दोनों देशों के संबंध शुरू से ही अच्छे रहे हैं। विभिन्न मंचों पर इटली ने भारत का साथ दिया और भारत ने भी इटली से दोस्ती के लिए हाथ आगे बढ़ाया। अभी हाल ही में भारत फिर इटली के साथ हाथ मिलाने जा रहा है। दोनों देशों ने विभिन्न मुद्दों पर सहमति जताई है और अब मिलकर इन मुद्दों पर तैनात चुनौतियों से लड़ा जाएगा। कहते हैं कि संगठन में शक्ति होती है। अगर दोनों देश इन चुनौतियों से लड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाते हैं तो भविष्य में लड़ाई का रास्ता बड़ा ही आसान हो सकता है।
भारत और इटली अंतरदेशीय संगठित अपराध और आतंकवाद सहित आपराधिक मामलों की जांच, अभियोजन और निवारण के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) पर हस्ताक्षर करने के और करीब पहुंच गए हैं। यह जानकारी तैनात बड़े अधिकारियों के जरिए प्राप्त हई है।
दूसरे दौर की वार्ता के दौरान हुए हस्ताक्षर
उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पहले ही दो दौर की वार्ता हो चुकी है जिसमें सहमति रिपोर्ट पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिससे नयी दिल्ली और रोम के बीच जल्द ही एमएलएटी को अंतिम रूप देने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पर हस्ताक्षर हाल में हुई दूसरे दौर की वार्ता के दौरान हुए। यह बैठक भारत की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (समन्वय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग) सहेली घोष रॉय और इटली की ओर से इतालवी न्याय मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों और अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग के महानिदेशक स्टीफेनो ओपिलियो के नेतृत्व में हुई।
सहमति पर हस्ताक्षर से होगा ये बड़ा फायदा
पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया है कि वार्ता सही दिशा में चल रही है और भारत और इटली द्वारा एमएलएटी पर जल्द हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि एमएलएटी दो या इससे अधिक देशों के बीच समझौता होता है जिसका उद्देश्य जन और आपराधिक कानूनों को लागू करने में सूचना एकत्र करना और उसका आदान-प्रदान करना होता है। इस संधि के तहत प्राप्त होने वाली सहायता में लोगों, स्थानों और चीजों की जांच व पहचान करना, एक-दूसरे के यहां हिरासत में लिए गए लोगों का आदान-प्रदान और आपराधिक गतिविधियों को रोकना शामिल है। भारत और इटली में राजनयिक संबंधों में सुधार के बाद एमएलएटी पर वार्ता शुरू हुई। दोनों देशों के बीच फरवरी 2012 में इतालवी मरीन द्वारा केरल के तट के नजदीक दो भारतीय मछुआरों की हत्या से तनाव पैदा हो गया था।
अब तक 44 देशों के साथ हस्ताक्षर कर चुका है भारत
गौरतलब है कि भारत ने अबतक ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, ईरान, इंडोनेशिया, इजराइल, कजाखिस्तान, कुवैत, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, मेक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, म्यांमा, ओमान, रूस, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड, तजाकिस्तान, थाईलैंड, तुर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम सहित 44 देशों के साथ इस तरह का समझौता किया है।