सीतारमण का आरोप - अमूल-नंदिनी ने कर्नाटक चुनाव को बनाया भावनात्मक मुद्दा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

सीतारमण का आरोप – अमूल-नंदिनी ने कर्नाटक चुनाव को बनाया भावनात्मक मुद्दा

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमूल-नंदिनी को भावनात्मक मुद्दा बना दिया गया है।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमूल-नंदिनी को भावनात्मक मुद्दा बना दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘चीजों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और भावनात्मक मुद्दा बनाया गया, क्योंकि यह कर्नाटक में चुनाव का समय है।’
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को होने हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अचानक यह कहना कि अमूल को कर्नाटक में नंदिनी को मारने के लिए लाया जा रहा है, ‘बेशर्मी’ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात स्थित डेयरी सहकारी आणंद मिल्क यूनियन लिमिटेड (अमूल) ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर कर्नाटक में प्रवेश किया था।
उन्होंने कहा, अमूल ने कर्नाटक में तब प्रवेश किया, जब यहां कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार थी। मुझे यकीन नहीं है कि मुझे उस समय के मुख्यमंत्री का नाम लेना चाहिए। वही सम्मानित पूर्व मुख्यमंत्री अब अमूल के प्रवेश पर सवाल उठा रहे हैं। यह उनके समय में था, जब अमूल ने उत्तर कर्नाटक में प्रवेश किया था।
वित्तमंत्री यहां थिंकर्स फोरम, कर्नाटक के साथ बातचीत के दौरान अमूल-नंदिनी विवाद के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
अमूल-नंदिनी चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, क्योंकि विपक्षी कांग्रेस और जद-एस ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भाजपा नंदिनी को अमूल के साथ विलय कर खत्म करने की कोशिश कर रही है।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) नंदिनी ब्रांड नाम के तहत दूध, दही और अन्य डेयरी उत्पाद बेचता है।
उन्होंने कहा, सचमुच कहें तो इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और भावनात्मक मुद्दा बनाया गया है, क्योंकि यह चुनाव का समय है। एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और एक सकारात्मक कहानी बनाने के बजाय, इस मुद्दे को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
सीतारमण ने कहा, भारत में हर राज्य की अपनी दुग्ध सहकारी समिति है। कर्नाटक की नंदिनी .. कौन इसे नहीं पहचानता है? अब भी जब मैं आई हूं, तो मेरे पास नंदिनी का दूध, दही, पेड़ा था। बेशक दिल्ली में मैं अमूल खरीदूंगी।
उन्होंने कहा, मैं दिल्ली में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करती हूं, मैं मानसिक रूप से यह कहने वाला संन्यासी नहीं हूं कि अगर नंदिनी उपलब्ध नहीं है तो मैं दूध नहीं पीऊंगी। मैं अभी भी अमूल खरीदती हूं। यह कर्नाटक के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने बताया कि नंदिनी भी अन्य राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में अपने उत्पाद बेचती है, जैसे अन्य राज्यों के डेयरी उत्पाद भी कर्नाटक में उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, मैं कहूंगी कि अच्छी प्रतिस्पर्धा है। इसलिए विचार भारत को हर तरह से मजबूत करना है। यही कारण है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्नाटक में नंदिनी और डेयरी किसानों को मजबूत करना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि किसानों और महिलाओं को राजनीतिक मुद्दे में लाने की जरूरत नहीं है।
यह कहते हुए कि कर्नाटक के दुग्ध किसानों को समर्थन देने की जरूरत है, सीतारमण ने दावा किया कि यह बी.एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पहली बार दूध का खरीद मूल्य बढ़ाया था।
उन्होंने कहा, फिर से, वर्तमान भाजपा सरकार ने मूल्य 5 रुपये बढ़ाया है। इसलिए, दूध देने वाले किसानों को समर्थन जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight + 11 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।