देश इस वक्त कोरोना के संकट से जूझ रह है। कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने किसानों को कृषि उद्योग से जुड़े लोगों को लॉकडाउन में कुछ रहात दी है। इस बीच, केंद्र सरकार ने आगामी फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न उत्पादन 29.8 करोड़ टन करने का लक्ष्य तय किया है, जोकि पिछले चालू फसल वर्ष 2019-20 के अनुमानित उत्पादन से करीब 65 लाख टन अधिक है।
फसल वर्ष 2019-20 के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में इस साल खाद्यान्न का उत्पादन 29.915 करोड़ टन होने की उम्मीद है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को राष्ट्रीय खरीफ फसल सम्मेलन-2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, सभी राज्यों को मिशन मोड में खरीफ फसलों का तय लक्ष्य हासिल करने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में काम करना चाहिए। इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी, कृषि मंत्रालय में सचिव संजय अग्रवाल व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पैदा हुए संकट में किसानों से जुड़ी योजनाओं को प्रमुखता से लागू करने का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि संकट की इस घड़ी में गांव, गरीब और किसान प्रभावित न हों। उन्होंने राज्यों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की जानकारी हर किसान तक पहुंचाने की अपील की।केंदीय कृषि राज्यमंत्री रूपाला ने भी राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम फसल बीमा योजना की जानकारी किसानों को दी जाए।
उन्होंने कहा, हमारे देश में कृषि एवं बागवानी कई राज्यों में आर्थिक विकास का प्रमुख क्षेत्र बन गया है। पिछले साल 2018-19 में खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन होने के साथ-साथ बागवानी फसलों का भी उत्पादन 31.38 करोड़ टन हुआ। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के सतत प्रयास की बदौलत ही फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन संभव हुआ है।