हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी) आज 9 सितम्बर शुक्रवार को अमर शहीद लाला जगत नारायण जी के शहादत दिवस पर हरिद्वार शहर के वरिष्ठ पत्रकारों ने रेलवे रोड़ स्थित पंजाब केसरी के स्थानीय कार्यालय पर आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा के दौर संयुक्त रूप से अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जिस प्रकार राष्ट्र विरोधी ताकतों ने श्री लाला जगत नारायण जी की हत्या कर दी और बाद में श्री रमेश चन्द्र जी की हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं पंजाब केसरी से जुड़े 62 लोगों, जिनमें 56 सम्पादकों, पत्रकारों और समाचार विक्रेता शामिल थे, को भी जान कुर्बान करनी पड़ी थी, उनकी इस शहादतों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अपने भावुक विचार आयोजित श्रद्घांजलि सभा में प्रकट करते हुए वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान ने दोनों महान विभूतियों को याद किया। इस दौरान पंजाब केसरी के हरिद्वार से स्थानीय जिला प्रभारी संजय चौहान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि लाला जी का जन्म 31 मई, 1899 को पिता लखमी दास चोपड़ा जी के घर वजीराबाद, जिला गुजरांवाला (पाकिस्तान) में हुआ था।
1942 में छेड़े गए स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान और लाहौर के ब्रैडला हाल के अंदर और बाहर उनकी अनगिनत गतिविधियों की लंबी सूची है। वह एक सच्चे कर्मयोगी, स्वतंत्रता सेनानी, निर्भीक पत्रकार, राष्ट्रीय एकता के प्रहरी होने के साथ-साथ पंजाब में भाईचारे को मजबूत करने के पक्षधर थे। लाला जी की अमर जीवन गाथा बहुत विशाल है, उन्हें हम अपने शब्दों में बयां नहीं कर सकते। आज उन्हें याद करते हुए हम श्रद्घा पूर्वक सादर नमन करते हैं। इस मौके पर मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश से यहां आये अमन कुमार ने कहा कि लाला जी हठी नहीं थे, लाला जी स्वाभिमानी थे। लाला जी कलम की अस्मिता के रक्षक थे उसके सौदागर नहीं।
लाला जी एक प्रकाश पुंज थे, अंधेरों के हामी नहीं। इसलिए लाला जी अमर हैं, क्योंकि उनकी कीर्ति अमर है। इस मौके पर युवा पत्रकार ऋषभ चौहान ने कहा कि आपातकाल में पंजाब केसरी समाचार पत्र की प्रेस की बिजली काट दी गई, लेकिन प्रिटिंग प्रेस को ट्रैक्टर से चलाकर लोकतंत्र की आवाज बुलंद की। इस मौके पर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रवण झा, अविक्षित रमन, संजय चौहान, मुकेश वर्मा, राकेश चौहान, बलवीर सिंह चौहान, कपिल अरोड़ा, आशु सलूजा, वीरेन्द्र शर्मा, रामनाथ आदि ने अमर शहीद लाला जगत नारायण जी के शहादत दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की।