पाकिस्तान के पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने शुक्रवार को कहा कि सेना ने राजनीतिक गतिरोध को रोकने के लिए तीन प्रस्ताव रखे थे लेकिन इमरान खान ने उस पर ध्यान नहीं दिया।
तत्कालीन रक्षा मंत्री परवेज खट्टक के जरिए की थी बैठक की मांग
सुश्री मजारी ने ‘ट्वीट किया,‘‘मैं बता दूं। प्रधानमंत्री ने राजनीतिक गतिरोध रोकने पर मदद के लिए सेना को नहीं बुलाया।’’ उन्होंने कहा कि सेना ने तत्कालीन रक्षा मंत्री परवेज खट्टक के जरिए बैठक की मांग की थी। सेना ने तीन प्रस्तावों को सामने रखा था। जिसमें कहा गया कि अविश्वास मत का सामना कर रहे प्रधानमंत्री अपने पद से इस्तीफा दे दें या अगर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया तो उसके बाद नए सिरे से चुनाव कराए जाए।
इससे पहले इमरान खान ने एक साक्षात्कार में कहा था कि सेना ने उनसे तीन प्रस्तावों को लेकर संपर्क किया था।