ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद की बैठक को 14 अक्टूबर तक निलंबित रखने की अपनी योजना को बुधवार को सार्वजनिक किया ताकि वह जिसे नया साहसिक एवं महत्त्वकांक्षी विधायी एजेंडा बता रहे हैं उसे ब्रेक्जिट की अंतिम तिथि से दो हफ्ते पहले तक प्रस्तुत कर सकें। हालांकि उनके इस कदम की विपक्ष ने तीखी आलोचना की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि जॉनसन ने अगले महीने नौ सितंबर से शुरू हो रही अगली बैठक को निलंबित करने का अनुरोध करने के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से बात की थी।
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने औपचारिक अनुरोध के बारे में संदेश पहुंचाया। इस तरह, सरकार को नौ से 12 सितंबर के बीच किसी भी वक्त संसद को 14 अक्टूबर तक निलंबित करने की मंजूरी मिल गई।
ब्रिटिश सांसद अब अगले मंगलवार को मिलेंगे और उसके बाद के हफ्ते के लिए संसदीय काम-काज को समाप्त करेंगे जिससे उन्हें चर्चा के लिए कोई भी नया विधायी उपाय पेश करने के लिए बहुत कम समय मिलेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “पारंपरिक पार्टी सम्मेलनों के समापन के बाद, इस संसद का दूसरा सत्र महारानी के अभिभाषण के साथ सोमवार 14 अक्टूबर से शुरू होगा।’’
संसद निलंबित करने के प्रधानमंत्री के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष जॉन बर्को ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री जॉनसन के फैसले के बारे में पहले नहीं बताया गया था।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह स्पष्ट है कि निलंबन का मकसद “ब्रेक्जिट पर चर्चा करने से संसद को रोकना और देश के भविष्य को तय करने के उसके कर्तव्य निभाने से रोकना है।”
विपक्षी लेबर नेता जेरेमी कोरबिन ने कहा, “संसद की बैठक निलंबित करना अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री जो कर रहे हैं वह हमारे लोकतंत्र पर कब्जा है ताकि किसी सौदे पर नहीं पहुंचा जा सका।”