भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव आज यानी 6 जनवरी को अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं। पूर्व कप्तान कपिल देव का नाम क्रिकेट दुनिया के महान ऑलराउंडर खिलाड़ियों में लिया जाता है। कपिल देव का जन्म चंडीगढ़ में 6 जनवरी 1959 को हुआ था। कपिल देव के क्रिकेट कैरियर की बात करें तो अपनी शानदार गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों से क्रिकेट फैन्स को दीवाना किया है।
इंटरनेशनल क्रिकेट में कपिल ने कुल 687 विकेट लिए हैं और 9037 रन बनाए हैं। भारत को कई जीत कपिल ने अपने शानदार प्रदर्शन से दिलाई है। साल 1983 में भारत को पहली बार विश्व कप कपिल देव ने जीताया था। चलिए कपिल देव के जन्मदिन के मौके पर उनके कैरियर की कुछ खास बातें बताते हैं।
कपिल नहा रहे थे बाथरुम में जब गिर गए थे 5 विकेट
1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में कपिल देव ने 175 रन बनाए थे। कपिल देव की यह पारी वनडे क्रिकेट की जबरदस्त पारियों में शामिल है। भारतीय टीम का स्कोर इस मैच में 17 रन 5 विकेट के नुकसान पर थे जब कपिल देव बल्लेबाजी करने के लिए आए थे। छठे नंबर पर आकर कपिल देव ने 175 रन 138 गेंदों में बनाए थे। भारत ने 60 ओवर में 266 रनों का स्कोर कपिल देव की बल्लेबाजी के बदौलत बनाया था।
इस मैच में भारत ने जिम्बाब्वे को 31 रनों से हरा दिया था। कपिल देव ने अपनी इस पारी के बारे में बात करते हुए कहा था कि, जब भारतीय टीम बल्लेबाजी कर रही थी तो उस समय वह नहाने ही गए थे लेकिन जबतक भारत ने 5 विकेट खो दिए थे जब तक उन्होंने साबुन लगाया। उसके बाद तो आनन-फानन में वह क्रीज पर पहुंचे जिसके बाद उन्होंने ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को यह मैच जीताया।
बता दें कि कपिल देव की इस शानदार बल्लेबाजी का वीडियो रिकॉर्ड नहीं हो पाया क्योंकि उस समय इंग्लैंड में बीबीसी विश्व कप के प्रसारणकर्ता थे जो कि हड़ताल पर थे। इसी वजह से उनकी बल्लेबाजी रिकॉर्ड नहीं हो पाई। लेकिन कपिल देव को इस बात का कोई भी पछतावा नहीं है।
कपिल चाहते थे गावस्कर 1983 में कप्तान बने
भारतीय टीम पहली बार विश्व कप कपिल देव की कप्तानी में जीती थी। लेकिन कपिल देव मानते थे कि सुनील गावस्कर को 1983 विश्व कप में कप्तान होना चाहिए था। कपिल देव के अनुसार ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी गावस्कर थे और वह ज्यादा बेहतर खेल को समझते थे। लेकिन युवा कपिल देव को कप्तानी देने में बीसीसीआई अड़ गई जिसके ये जिम्मेदारी उन्हें स्वीकार करनी पड़ी और वेस्टइंडीज के खिलाफ 25 जून 1983 को भारतीय टीम ने 43 रन से मैच जीतकर पहले विश्व कप जीता।
कपिल कभी नहीं हुए रन आउट
विकेटों के बीच में सबसे तेज दौड़ लगाने वाले खिलाड़ियों में कपिल देव को गिना जाता है। टेस्ट कैरियर में कभी भी कपिल रन आउट नहीं हुए। टेस्ट क्रिकेट में कपिल ने 184 पारियां खेली हैं जिसमें वह एक बार भी रन आउट नहीं हुए हैं। यह रिकॉर्ड भी कपिल देव के नाम पर है।
अपना मैन ऑफ द मैच दिया नाराज वेंगसरकर को
कपिल देव ने साल 1986-87 में कटक टेस्ट में जबरदस्म गेंदबाजी की थी और अपने कैरियर के 300 विकेट पूरे किए थे। बता दें कि दिलीप वेंगसरकर ने इस मैच में 166 रनों की पारी खेली थी। मैच के बाद मैन ऑफ द मैच कपिल देव को बनाया गया और मैन ऑफ द सीरीज दिलीप वेंगसरकर को बनाया। इस फैसले से वेंगसरकर नाराज हो गए थे और अवॉर्ड लेने से उन्होंने मना कर दिया था। कपिल देव ने वेंगसरकार की नाराजगी देखते हुए अपना अवॉर्ड उन्हें दे दिया था।
ऐसे किया था रोमी को प्रपोज
साल 1980 में रोमी भाटिया से कपिल देव ने शादी की थी। बहुत ही अलग अंदाज में कपिल देव ने रोमी को शादी के लिए प्रपोज किया था। एक ट्रेन के सफर के दौरान कपिल ने रोमी से पूछा, क्या तुम इस जगह की फोटो लेना चाहती हो ताकि हम भविष्य में इसे अपने बच्चों को दिखा सकें?