दिलबर गर्ल नोरा फतेही अपनी एक मुस्कान से सबका दिल जीत लेती है लेकिन अब कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद इस मुस्कुराते चेहरे पर उदासी छा गई। अब नोरा फतेही की आँखों में आंसू आ गए और इसका कारण बना उनका संघर्ष। अपने धमाकेदार डांस से सभी का दिल जीत चुकीं नोरा फतेही अब अपने एक इंटरव्यू को लेकर सुर्खियों में हैं।
इस इंटरव्यू में नोरा ने अपने दिल की कई बातें कही हैं। इस इंटरव्यू में नोरा फतेही अपने स्ट्रगल के बारे में बात करते दिखाई दी और इस बीच उनकी आंखे नम हो गई। दरअसल, इंटरव्यू में नोरा कहती हैं ‘एक दिन मुझे एक रेडियो चैनल पर एक ऐड सुनने को मिला, इसके बाद मैं वहां गई। पोर्टफोलियो दिखाने के एक दिन पहले मेरा एपेंडिक्स का ऑपरेशन भी हुआ, मैं सही से चल नहीं पा रही थी, लेकिन मैं गई। वहां सिलेक्ट होने के बाद एक दम से मैंने जाने के लिए मना कर दिया क्योंकि मुझे मोटिवेशन नहीं मिल रहा था।’
नोरा आगे कहती हैं, ‘जैसे ही मैं वहां से वापस आई, मुझे उस पाकिस्तानी एंजेंसी से कॉल आया कि क्या तुम इंडिया जाना चाहोगी, मैंने उसे तुरंत हां कह दिया। इसके बाद मैं इंडिया आ गई, यहां आकर मुझे लगा था कि मुझे लेने लिमोजीन आएगी साथ ही एक बटलर भी होगा जो कि मुझे एक सुईट में ले जाएंगे और मैं अपने ऑडिशंस के लिए इसी लिमोजीन कार से जाया करूंगी। हालांकि, जब मैं भारत पहुंची तो ऐसा कुछ नहीं था, यह मेरे लिए एक चांटे जैसा था।’
नोरा ने इस इंटरव्यू के दौरान ये भी बताया कि उन्हें स्ट्रगल के दौरान बुलिंइंग, रिजेक्शन से लेकर ट्रामा जैसी सिचुएश्न्स का सामना करना पड़ा था। नोरा ने आगे कहा, ‘काश मुझे किसी ने बताया होता कि मेरा यहां पर कैसे- कैसे लोगों से पाला पड़ेगा, मेरा पासपोर्ट चोरी होगा, लोग मेरे मुंह पर हंसा करेंगे, मेरे बोलने के तरीके का मजाक उड़ाया करेगा। मेरे साथ ये बहुत बार हुआ, मैं कई बार रोते- रोते बाहर आती थी और रिक्शे से घर जाती थी। मेरे साथ करीब पांच साल तक ऐसा हुआ कि लोग कहते थे कि देखो तुम बहुत टैलेंटिड हो.. ये दरवाजा सिर्फ तुम्हारे लिए खुला है, लेकिन जैसे ही मैं उस दरवाजे के पास जाती, कोई उसे जोर से मेरे मुंह पर बंद कर देता।’
इसके बाद इंटरव्यू में नोरा रो पड़ती हैं और कहती हैं, ‘मैंने बहुत कुछ देखा है, बहुत कुछ सहा है लेकिन मैंने हार नहीं मानी और कोशिश करती गई। लेकिन मुझे उन लड़कियों के लिए सोचकर रोना आता है, जिनको मेरे जैसे ही बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिनको कई लोगों ने असफल करने की कोशिश की, कुछ ने हार मान लीं लेकिन कुछ डटी रहीं। मैं बस चाहती हूं कि कोई भी हार नहीं माने क्योंकि जब कोई इंसान हार जाता है तो पूरी इंसानियत हार जाती है।’