सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावत’ को दिया गया सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग करने वाली ताजा जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील आज ठुकरा दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने इस प्रतिवेदन को भी खारिज कर दिया कि फिल्म रिलीज किए जाने से जान-माल और कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
Supreme Court today refused to entertain a plea filed by lawyer Manohar Lal Sharma, the plea claimed that the CBFC certificate issued to #Padmaavat was illegal. pic.twitter.com/JzlK448Klj
— ANI (@ANI) January 19, 2018
पीठ ने वकील एम एल शर्मा द्वारा दायर ताजा याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ”कानून व्यवस्था कायम रखना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। यह सरकार का काम है। याचिका खारिज की जाती है।” वकील ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा ‘पद्मावत’ को दिए गए यू/ए प्रमाण पत्र को सिनेमैटोग्राफ कानून के प्रावधानों समेत विभिन्न आधार पर रद्द किए जाने की मांग की है। पीठ ने कहा, ”हमने कल एक तर्कसंगत आदेश पारित किया है।”
The three-judge bench of Supreme Court headed by Chief Justice of India (CJI) Dipak Misra said ‘the Court has to function as a constitutional court and it has already yesterday in its interim order said that states can’t block a movie from screening’ #Padmaavat
— ANI (@ANI) January 19, 2018
उसने कहा कि सीबीएफसी द्वारा एक बार प्रमाण पत्र जारी किए जाने के बाद हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। कोर्ट ने गुजरात और राजस्थान में ‘पद्मावत’ के प्रदर्शन पर लगी रोक हटाते हुए, इस फिल्म की 25 जनवरी को देश भर में रिलीज का रास्ता कल साफ कर दिया था। शीर्ष अदालत ने अन्य राज्यों पर, फिल्म के प्रदर्शन पर पाबंदी लगाने के लिए इस तरह की अधिसूचना या आदेश जारी करने पर भी रोक लगा दी है।
आपको बता दें कि इस फिल्म की कहानी 13वीं सदी में महाराजा रतन सिंह एवं मेवाड़ की उनकी सेना और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणबीर सिंह ने अभिनय किया है। न्यायालय ने कहा था कि कानून व्यवस्था कायम रखना राज्यों का दायित्व है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दायित्व में फिल्म से जुड़े लोगों को, उसके प्रदर्शन के दौरान तथा दर्शकों को पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराना शामिल है।
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