नई दिल्ली : कोयला सचिव सुशील कुमार ने कहा है कि झारखंड में कोयला खान के परिचालन के संदर्भ में एस्सार पावर का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार खान पर अदालत की रोक हटने के बाद कोयला ब्लाक का आबंटन रद्द कर सकती है। कुमार ने कहा, ‘‘एस्सार (एस्सार पावर) के मामले में अदालत ने रोक लगायी हुई है। इसके तहत सरकार पर उसके खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगायी गयी है। जब यह रोक हटायी जाती है, हम उनके खिलाफ समझौते के तहत उपयुक्त कार्रवाई करेंगे।
इसमें कोयला ब्लाक (तोकिसूद नार्थ कोयला ब्लाक) का आबंटन भी रद्द करना शामिल है।’’ तोकिसूद उत्तरी खदान में भंडार 10.32 करोड़ टन अनुमानित है। इसमें 5.19 करोड़ टन कोयला निकाला जा सकता है। यह कोयला ब्लाक पूर्व में हुई नीलामी में एस्सार पावर एमपी लि. को मिला था। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने रोक लगायी हुई है। जब रोक हटायी जाती है हम कोयला ब्लाक का आबंटन रद्द करेंगे क्योंकि उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है।’’
कोयला मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार इस खान के वित्त वर्ष 2015-16 में परिचालन में आना था। कुमार ने आगाह करते हुए कहा कि जिन कंपनियों को नीलामी में कोयला ब्लाक आबंटित किये गये हैं, उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा, अन्यथा उन्हें खानों को गंवाना पड़ेगा। विभिन्न जरूरी मंजूरी मिलने में देरी तथा शुल्क शर्तों में अचानक बदलाव को देखते हुए एस्सार पावर ने पूर्व में कहा था कि उसने झारखंड में तोकिसूद नार्थ कोयला ब्लाक वापस लौटाने का फैसला किया। इसमें वह पहले ही 490 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है।
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