नई दिल्ली : व्यापारियों, विशेषज्ञों और उद्योग जगत ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किये गये हालिया सुधारों का एक सुर में स्वागत किया है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने जीएसटी में कारोबारियों को दी गयी विभिन्न रियायतों को व्यापार की सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा की इससे काफी हद तक बाजारों में छाया हुआ अनिश्चितता और भ्रम का वातावरण समाप्त होगा और व्यापारियों को सुविधापूर्वक काम करने में आसानी होगी।
परिसंघ ने कहा कि न केवल कर दरों में कटौती बल्कि जीएसटी कानून एवं नियमों की प्रक्रिया में भी सुधार लाने की आवश्यकता है। उसने जीएसटी पोर्टल को ठीक तरह से चलाये जाने को बेहद जरूरी बताया। जीएसटी परिषद, ने शुक्रवार को समाप्त अपनी 23वीं बैठक में 28 प्रतिशत कर स्लैब में 180 वस्तुओं समेत कुल 213 वस्तुओं पर करों की दरों में कमी करने का फैसला किया। साथ ही छोटे तथा मझौले कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुये कंपोजिशन योजना की सीमा एक करोड़ से बढ़कर डेढ़ करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। रिटर्न भरने में अतिरिक्त समय सहित कई प्रकार के राहत दिये गये हैं।
रेस्त्रांओं पर भी कर की दर 12 तथा 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गयी है। उद्योग संगठन एसोचैम ने इन फैसलों का स्वागत करते हुये कहा कि इससे उपभोक्ता माँग बढ़ेगी और कारोबारी धारणा में जबरदस्त सुधार होगा। एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा ‘कंपोजिशन योजना की सीमा बढ़ने से छोटी कारोबारी इकाइयों के लिए जीवन काफी सरल होगा।’ उन्होंने कहा कि इन फैसलों का प्रभाव अगले कुछ महीने में दिखना शुरू हो जायेगा। कुछ वस्तुओं पर कर की दर जीएसटी पूर्व समय की तुलना में कम हो गया हो।’