नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा मीडिया प्रभारी प्रत्यूष कंठ ने अरविंदर सिंह लवली के दोबारा कांग्रेस में लौटने पर कहा कि वास्तव में पीढ़ी-दर-पीढ़ी (परम्परागत) कांग्रेस पार्टी में रहने वाले लोगों को भाजपा में रहना मुश्किल होता है, क्योंकि भाजपा हमेशा मैरिट की बात करता है। जिसका काम अच्छा होगा उसे तव्वजो मिलती है। भाजपा में राष्ट्रीयता को महत्व दिया जाता है। यही वजह है कि दिल्ली में पूर्वांचलियों, पहाड़ियों या दक्षिण भारत के लोगों को खूब प्रमुखता मिलती है।
जबकि दिल्ली के पुराने नेताओं को इसी बात से परेशानी होती है। भाजपा को इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि किसी व्यक्ति की पैदाइश कहां की है, उन्हें तो बस काम से मतलब है। यहां काम करने वालों की कोई कमी नहीं है। आप काम करके कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। एक बात तो मैं कहना चाहूंगा कि कांग्रेस में ठीक इसके उलट है। अगर आप यहां पर जनरेशनल (पीढ़ी-दर-पीढ़ी) कांग्रेसी नहीं है तो आपको मौका मिलने वाला नहीं है।
यानी की आपके दादा ने नेहरू जी या इंदिरा जी के साथ, आपके पिता ने राजीव जी के साथ और अब आप राहुल जी के साथ नहीं है तो आप कांग्रेस पार्टी में जगह नहीं बना पाएंगे। प्रत्यूष कंठ ने कहा कि इसके अलावा अब दिल्ली के कांग्रेसियों का भ्रम टूटने लगा है कि दिल्ली उनकी है। भाजपा ने जिस तरह से पूर्वांचलियों, पहाड़ियों और अन्य प्रदेशों से आए लोगों को गले लगाया है, इससे कांग्रेस बुरी तरह विचलित है। दिल्ली की डेमोग्राफी और पॉपुुलेशन पूरी तरह बदल चुकी है। आज दिल्ली में 42.6 फीसदी प्रवासी है, ऐसे में आप परम्परागत राजनीति नहीं कर सकते हैं।
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