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पढ़े-लिखे उम्मीदवार को वोट करने की बात करने वाले टीचर को नौकरी से निकाला, को-फाउंडर ने बताई वजह

ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर करण सांगवान टीचर को नौकरी से निकलने के बाद विवाद शुरु हो गया है, बता दें कि काफी लोगों ने इस कंपनी के इस फैसले की निदां की है।

ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर करण सांगवान टीचर को नौकरी से निकलने के बाद विवाद शुरु हो गया है, बता दें कि काफी लोगों ने इस कंपनी के इस फैसले की निदां की है। कई बड़े राजनीति नेताओं से लेकर जैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने  भी गुरुवार (17 अगस्त) को इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया, जिसके बाद अनएकेडमी के को-फाउंडर ने इस मुद्दे पर सफाई पेश की।
सीएम केजरीवाल ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि टीचर करण सांगवान ने छात्रों से चुनाव के समय शिक्षित उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की थी, जिसके बाद कंपनी ने उन्हें बर्खास्त करते हुए कहा कि कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार शेयर करने की जगह नहीं है, ऑनलाइन  शिक्षा और लर्निंग के क्षेत्र में काम करने वाला सोशल मीडिया माध्यम है। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूं, लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते, ये साइंस और टेक्नोलॉजी का समय है, 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।

सह-संस्थापक रोमन सैनी ने दी सफाई

सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि करण सांगवान ने अनुबंध का उल्लंघन किया था और इसलिए कंपनी को उनसे अलग होना पड़ा, उन्होंने ट्वीट किया, ”हम एक शिक्षा मंच हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान मिले। उन्होंने आगे कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे शिक्षार्थी होते हैं, कक्षा में निजी राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं, वर्तमान स्थिति में हमें करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे”।

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