केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में शुमार पीयूष गोयल ने अभी तीन दिन पहले ही रेल मंत्रालय का काम संभाला है, लेकिन आज बारह घंटों के भीतर एक के बाद एक तीन रेल हादसों ने उनका ‘स्वागत’ कर दिया। पहली घटना उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की है जहां ओबरा के पास हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे पटरी से उतर गए।
ऐसी ही दूसरी घटना नई दिल्ली स्टेशन के पास हुई है। यहां रांची एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतरने की खबर है। वहीं महाराष्ट्र में खंडाला के पास एक मालगाड़ी के भी कुछ डिब्बे पटरी से उतरे हैं। सोशल मीडिया पर इन तीनों घटनाओं के जिक्र के साथ भारतीय रेलवे की सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताते हुए ढेरों प्रतिक्रियाएं आई हैं।
हालांकि, सेफ्टी के मसले पर हुई इस बैठक में दुर्घटना के जिन दो कारणों की प्रमुख रूप से पहचान की वह है मानवरहित लेवल क्रासिंग और पटरियों में खराबी होना। रेल मंत्री ने ट्रेनों की आवाजाही में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बोर्ड को कई निर्देश दिए।
रेल मंत्री ने कहा कि अगले 1 वर्ष में पूरे देश भर से सभी मानवरहित लेवल क्रासिंग को खत्म कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा पटरियों को बदलने और उनके नवीनीकरण के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता से जल्द से जल्द पूरा हो। साथ ही परंपरागत आईसीएफ डिजाइन कोच के निर्माण पर रोक लगाने और नए डिजाइन के एलएचबी कोच बनाने के रेल मंत्री ने निर्देश दिए।