जम्मू-कश्मीर में लगातार पिछले कुछ समय से कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में बुधवार को एक कश्मीरी पंडित और कारोबारी संदीप मावा नेकहा कि परिवार के विरोध के बावजूद वह कश्मीर घाटी छोड़कर नहीं जा रहे हैं। हाल में आतंकवादियों ने उनके सेल्समैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी और माना जा रहा है कि आतंकवादियों के निशाने पर मावा थे।
खुफिया सूचना मिलने के बाद समय से पहले ही दुकान से चले गए थे
मावा ने यह भी दावा किया कि वह हमले से बच गए क्योंकि वह खुफिया सूचना मिलने के बाद समय से पहले ही दुकान से चले गए थे लेकिन उनकी श्रीनगर के बोहरी कादल इलाके में स्थित दुकान पर काम करने वाले मोहम्मद इब्राहिम खान सोमवार को हमले में मारे गए। खान को दुकान के पास गोली मारी गई।
नहीं, मैं कश्मीर नहीं छोड़ रहा हूं
उन्होंने कहा कि वह डरे नहीं है और कश्मीर घाटी में ही रहेंगे। मावा से जब पूछा गया कि क्या वह सोमवार के हमले और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हाल में निशाना बनाए जाने की घटनाओं की पृष्ठभूमि में घाटी छोड़ देंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं कश्मीर नहीं छोड़ रहा हूं, यह स्थान छोड़ने का सवाल नहीं उठता है।
मावा कश्मीरी पंडित एवं केमिस्ट एमएल बिंदरू से जुड़े थे जिनकी पिछले महीने उनकी दुकान के पास हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि सोमवार को हुआ हमला गलत पहचान का मामला है और अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों की ही कड़ी थी।
राज्य मानवाधिकार आयोग गठित किए जाने की भी मांग की
गौरतलब है कि मावा का परिवार वर्ष 2018 में घाटी लौटा था। उन्होंने कहा कि परिवार के विरोध के बावजूद, वह घाटी में ही रहेंगे। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में राज्य मानवाधिकार आयोग गठित किए जाने की भी मांग की। मावा ने बताया कि सोमवार को वह अपनी कार दुकान के पास ही छोड़ कर जल्दबाजी में दूसरे वाहन से घर चले गए। उन्होंने कहा ‘‘रात करीब आठ बजे, जब मेरे भाई (खान) मेरी कार में बैठने जा रहे थे, तभी उन्हें गोली मार दी गई।’’